नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) अमेरिका और ब्रिटेन समेत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कुछ सदस्य देशों ने 2022-23 के लिए कृषि कच्चे माल पर भारत की 48 अरब डॉलर की सब्सिडी पर सवाल उठाए हैं। वहीं भारत का कहना है कि मुद्रास्फीति और उर्वरकों की बढ़ती लागत के कारण सब्सिडी बढ़ी है। एक अधिकारी ने यह बात कही है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के इन सदस्यों ने 23-24 मई को कृषि समिति की बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था।
अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत ने कहा है कि कच्चे माल की सब्सिडी मुख्य रूप से बिजली, सिंचाई और उर्वरक के लिए है। इसका बढ़ने का कारण मुद्रास्फीति और उर्वरकों की बढ़ती लागत है। इस बारे में जानकारी डब्ल्यूटीओ को विधिवत दी गई थी।’’
विश्व व्यापार संगठन 166 सदस्यीय एक वैश्विक व्यापार निकाय है। यह सदस्य देशों के बीच व्यापार को लेकर विवादों पर भी निर्णय देता है।
भारत ने इन आंकड़ों को अप्रैल में डब्ल्यूटीओ को दिया था। डब्ल्यूटीओ के विशेष और अलग-अलग व्यवहार के नियमों के तहत विकासशील सदस्य देशों को कम आय वाले या गरीब किसानों को ये सब्सिडी देने की अनुमति है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत की कच्चे माल पर 2022-2023 के लिए कुल 48 डॉलर की सब्सिडी के बारे में नई अधिसूचना के बाद कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका ने सवाल उठाये हैं।’’
भाषा रमण अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एसबीआई कार्ड का पहली तिमाही का लाभ 594 करोड़ रुपये…
10 hours agoरुपया पांच पैसे की तेजी के साथ 83.73 प्रति डॉलर…
10 hours agoतेल-तिलहनों के दाम पूर्वस्तर पर
10 hours ago