विशेष अदालत ने सीबीआई को निर्देश देने की अपील वाली एमएमटीसी की अर्जी ठुकराई |

विशेष अदालत ने सीबीआई को निर्देश देने की अपील वाली एमएमटीसी की अर्जी ठुकराई

विशेष अदालत ने सीबीआई को निर्देश देने की अपील वाली एमएमटीसी की अर्जी ठुकराई

:   Modified Date:  May 16, 2024 / 06:48 PM IST, Published Date : May 16, 2024/6:48 pm IST

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) एक विशेष अदालत ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी की कोयला आयात में कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की अपील करने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।

खनिज एवं धातु व्यापार से जुड़ी कंपनी एमएमटीसी ने इस याचिका में अपील की थी कि 2009 में एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी से बढ़ी हुई दरों पर कोयले के आयात में हुए कथित भ्रष्टाचार पर सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।

इस समय केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामले की प्रारंभिक जांच कर रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि क्या प्राथमिकी दर्ज करने या नियमित मामले के जरिये विस्तृत जांच के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है।

विशेष अदालत ने एमएमटीसी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की जांच करने का निर्देश देने की उसके पास शक्ति नहीं है।

विशेष अदालत ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पिछले आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की शक्ति सिर्फ ऊपरी अदालतों को ही है।

एमएमटीसी ने अपनी याचिका में कहा था कि उसने सीबीआई के पास संज्ञेय अपराधों के संबंध में दो शिकायतें दर्ज कराई थीं लेकिन जांच एजेंसी ने कोई कदम नहीं उठाया है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की थी।

यह मामला एमएमटीसी और एंग्लो अमेरिकन मेटलर्जिकल कोल प्राइवेट लिमिटेड के बीच खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले कोयले की खरीद के लिए सात मार्च, 2007 को हस्ताक्षरित दीर्घकालिक समझौते से संबंधित है।

यह आरोप लगा है कि एमएमटीसी के अधिकारियों ने एक जुलाई, 2008 से 30 जुलाई, 2009 के बीच पांचवीं आपूर्ति अवधि के लिए 300 डॉलर प्रति टन की दर स्वीकृत की जबकि लेमैन ब्रदर्स के पतन के बाद खाना पकाने के कोयले की कीमत में भारी गिरावट आने की उन्हें पूरी जानकारी थी।

एमएमटीसी ने इस याचिका में कहा था कि मामले के तथ्यों से साजिश का स्पष्ट मामला बनता है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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