प्रवर्तन एजेंसियों की अचानक कार्रवाई से कम हो रहा भरोसा: आईसीईए अध्यक्ष |

प्रवर्तन एजेंसियों की अचानक कार्रवाई से कम हो रहा भरोसा: आईसीईए अध्यक्ष

प्रवर्तन एजेंसियों की अचानक कार्रवाई से कम हो रहा भरोसा: आईसीईए अध्यक्ष

:   Modified Date:  May 21, 2024 / 08:29 PM IST, Published Date : May 21, 2024/8:29 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) देश में पिछले 10 साल में सरकारी नीतिगत प्रोत्साहन उपायों के कारण मूल्य के संदर्भ में मोबाइल फोन विनिर्माण 21 गुना बढ़कर 4.1 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। हालांकि, प्रवर्तन एजेंसियों की अचानक से होने वाली कार्रवाई भरोसे में कमी ला रही हैं, इसपर लगाम लगाने की जरूरत है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने यह बात कही है।

आईसीईए के अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने पिछले 10 साल में मोबाइल उद्योग की उपलब्धियों के बारे में कहा कि देश में विकास का अगला चरण निर्यात से आएगा और सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना के तहत इसमें घरेलू स्तर पर ‘अगुवा’ कंपनियां बनाने की जरूरत है।

महेंद्रू ने कहा, ‘‘प्रवर्तन एजेंसियों की कुछ कार्रवाइयों से व्यापार करने में आसानी के मामले में अस्थिरता आई है। इसको रोकने की जरूरत है। हमें प्रवर्तन एजेंसियों और उद्योग के बीच विश्वास का माहौल बनाने की जरूरत है।’’

उन्होंने सोमवार शाम केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा आयोजित एक ‘आउटरीच’ कार्यक्रम में यह बात कही।

प्रवर्तन निदेशालय ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो से जुड़े 62,000 करोड़ रुपये के कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लावा के पूर्व प्रबंध निदेशक हरिओम राय के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को एम्स में कथित तौर पर राय के नाम का दुरुपयोग करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। राय चिकित्सा आधार पर जमानत पर बाहर थे।

ईडी ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय को कथित रूप से नाम का दुरुपयोग करने और धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दी। इसके बाद राय की जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

लावा बाजार में एकमात्र भारतीय मोबाइल कंपनी बची है।

महेंद्रू की बात पर चन्द्रशेखर ने ईडी से संबंधित मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया क्योंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

हालांकि, उन्होंने कहा कि विनिर्माण उद्योग की ओर से चीजों को सरल बनाने का अनुरोध है।

मंत्री ने कहा, ‘‘वह चाहते हैं कि चीजें सरल हो जाएं और प्रधानमंत्री ने इसके लिए प्रतिबद्धता जताई है।’’

महेंद्रू ने कहा कि पूंजी की लागत आदि जैसे कुछ मुद्दों को छोड़कर मोबाइल उद्योग में पिछले 10 साल में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सरकार के समय पर दिये गये प्रोत्साहन से अधिक निवेशक आ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मोबाइल फोन का उत्पादन 2014-15 में 18,900 करोड़ रुपये का था। वह बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 4,10,000 करोड़ रुपये का हो जाने का अनुमान है। पिछले दस साल में मूल्य के संदर्भ में मोबाइल फोन विनिर्माण 21 गुना बढ़कर 4.1 लाख रुपये हो गया है। इसका कारण पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना) जैसे सरकारी नीतिगत उपाय हैं। इसने स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’

आईसीईए के अनुसार, पिछले एक दशक में मोबाइल फोन उद्योग के निर्यात में 7,500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

इसके सदस्यों में एप्पल, फॉक्सकॉन, डिक्सन टेक्नोलॉजीज आदि कंपनियां शामिल हैं।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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