नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि केंद्र वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-सितंबर के दौरान बाजार से 7.5 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। इसका मकसद आर्थिक वृद्धि को गति देने के साथ राजस्व अंतर को पाटना है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बाजार से 14.13 लाख करोड़ रुपये की उधारी का अनुमान है। इसमें 7.5 लाख करोड़ रुपये यानी 53 प्रतिशत राशि पहली छमाही में जुटायी जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में राजस्व अंतर को पूरा करने के लिए प्रतिभूतियों के जरिये 14.13 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्रस्ताव किया है।
यह 2023-24 के लिए सकल उधारी अनुमान 15.43 लाख करोड़ रुपये से कम है। वैसे यह अबतक की सर्वाधिक राशि थी।
उन्होंने कहा था, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिये सकल और शुद्ध बाजार कर्ज क्रमश: 14.13 लाख करोड़ रुपये और 11.75 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले दोनों उससे कम होंगे। अब जब निजी निवेश बढ़ रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार की कम उधारी से निजी क्षेत्र के लिए ऋण उपलब्धता बढ़ेगी।’’
सरकार के बड़े पैमाने पर पूंजीगत व्यय के कारण इस्पात और सीमेंट क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
भाषा रमण अजय
अजय
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