चेन्नई, 29 मई (भाषा) स्टार्टअप इकाइयों में काम करने वाले लगभग 67 प्रतिशत कर्मचारी नौकरी की सुरक्षा, बेहतर वेतन और वित्तीय स्थिरता की तलाश में स्थापित कंपनियों का रुख करना चाहते हैं। एक अध्ययन रिपोर्ट से यह निष्कर्ष सामने आया है।
सीआईईएल एचआर सर्विसेज की तरफ से कराए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि स्टार्टअप क्षेत्र में नौकरी छोड़ने की दर गंभीर रूप से अधिक है और कर्मचारियों का औसत कार्यकाल दो-तीन साल ही होता है।
रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि स्टार्टअप क्षेत्र में कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित नौकरी सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। करीब 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसे लेकर खुद को ‘असहज’ बताया है।
इसी तरह 30 प्रतिशत प्रतिभागियों ने स्थापित फर्मों की तरफ रुख करने के लिए बेहतर वेतन के वादे को भी एक अहम कारक बताया है।
वहीं, करीब 25 प्रतिशत उम्मीदवारों ने स्टार्टअप फर्मों में कामकाज और निजी जीवन के बीच संतुलन की कमी को भी प्रतिष्ठित संस्थाओं से जुड़ने के अपने निर्णय के लिए जिम्मेदार माना है।
सीआईईएल एचआर सर्विसेज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा, ‘‘स्टार्टअप को कर्मचारियों को अपने साथ जोड़े रखने और व्यापक मूल्य प्रस्ताव देने की जरूरत है ताकि कर्मचारी की बेहतरी, करियर उन्नति और कार्य-जीवन संतुलन को प्राथमिकता मिले।’’
यह रिपोर्ट देश की 70 स्टार्टअप कंपनियों में 1,30,896 कर्मचारियों के आंकड़ों और विश्लेषण पर आधारित है। रिपोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि स्टार्टअप क्षेत्र में अनुभवी पेशेवरों और नए लोगों के लिए अवसरों की मजबूत मांग रही है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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