रायपुर: 76 percent reservation will not apply? छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकर ने प्रदेश की जनता के हित में बड़ा फैसला लेते हुए आरक्षण संशोधन विधेयक पास किया था, लेकिन अब इस विधेयक में पेंच फंस गया है। दरअसल प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अब तक इस विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किया है। यानि ये विधेयक कानूनी तौर पर अमल में नहीं आया है। वहीं, अब इस मामले को लेकर सियासत गरमाते हुए नजर आ रही है। राज्यपाल द्वारा विधेयक में हस्ताक्षर नहीं किए जाने को लेकर मंत्री अमरजीत भगत ने भाजपा पर करारा निशाना साधा है।
76 percent reservation will not apply? मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि BJP लगातार आरक्षण रोकने का प्रयास कर रही है। BJP के नेताओं ने राज्यपाल से हस्ताक्षर करने का आग्रह नहीं किया है। विधानसभा में भी भाजपा ने विधेयक रोकने की कोशिश की और अब भी भाजपा के नेता इसे रोकने की कोशिश में लगे हैं। हमने राज्यपाल से जल्द हस्ताक्षर का आग्रह किया है।
उन्होंने आगे कहा कि BJP आदिवासियों की भावनाओं के साथ राजनीति कर रही है। BJP ने विरोध में माहौल बनाने की कोशिश की और विशेष सत्र को लेकर भी विरोध किया। कानून की किताब लेकर आरक्षण रोकने की कोशिश की। इससे एक बात को साफ हो गया है कि भाजपा आदिवासी विरोधी है।
बता दें कि आरक्षण संशोधन विधेयक के अनुसार, सरकारी नौकरियों में और शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। विधानसभा ने एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें केंद्र से इन विधेयकों को संविधान की 9वीं अनुसूची में सूचीबद्ध करने का आग्रह किया गया है।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया था कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले के बाद इस दिशा में दो महीने तक कोई प्रयास नहीं किया और भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में आदिवासी मतदाताओं को लुभाने के लिए सदन का सत्र बुलाया।
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