Reported By: Abhishek Soni
,Water crisis in Sonpurkala
Water crisis in Sonpurkala: अंबिकापुर। जल क्रांति लाने जहां किया गया करोड़ों खर्च वो गांव ही है प्यासा.. जी हां आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं, जहां करीब 8 साल पहले जल स्तर बढ़ाने करोड़ों रुपये तो खर्च कर दिए गए मगर आज वहां न तो जल स्तर बढ़ सका है और न ही लोगों के पीने के लिए पानी है। आलम ये है कि लोग पीने के पानी को भी तरस रहे है।
ये है सरगुजा जिले का सोनपुर कला गांव, जो अंबिकापुर जिला मुख्यालय से बेहद करीब होने के बावजूद भी विकास से कोसो दूर है। इस गांव में न तो पक्की सड़क है ना ही पीने का शुद्ध पानी। दरससल, सोनपुर कला ड्राई जोन इलाका माना जाता है। ऐसे में गांव में रहने वाले ग्रामीण सालों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों के सालों के आवेदन निवेदन करने के बाद ड्राई जोन इलाके के जल स्रोत को बढ़ाने जल क्रांति के जरिये करोड़ों खर्च कर जल क्रांति निशान के तहत डेम बनाया गया। लेकिन, वो भी भ्रस्टाचार के भेट चढ़ गया।
वैसे गांव में कई हैण्ड पम्प है। लेकिन, हैंडपंप में पानी नहीं निकलता। एक बोर ह, जिसमें घंटो इंतजार के बाद सिर्फ एक दो बाल्टी ही पानी ग्रामीण को मिल पाता है। ग्रामीण बताते है पानी के लिए कई बार मार पीट की नौबत आ गई है। एक ओर जल क्रांति के जरिये सोनपुर कला गांव में करोड़ों रुपये का डेम बनाया गया। लेकिन, डेम के चारों ओर करीब दो दर्जन से अधिक गिट्टी क्रेशर और अवैध पत्थर खदान संचालित हो रहे हैं, जो गांव में जल स्रोत कम होनी की वजह माना जा रहा है।
फ़िलहाल पानी की समस्या को दूर करने क्षेत्रीय विधायक प्रबोध मिंज ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है। गांव में नल जल योजना के तहत चल रहे काम को खुद संज्ञान में लेकर बेहतर काम के जरिये पानी की समस्या को ख़त्म करने की बात कही है। मगर करोड़ों खर्च हुए रुपये के उपयोगिता के सवाल का जवाब शायद जिम्मेदारों के पास भी नहीं। क्षेत्रीय विधायक लुंड्रा बहरहाल सोनपुर कला गांव के ग्रामीण सालों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। पानी के एक एक बून्द के लिए तिल तिल मरते आ रहे हैं। क्षेत्रीय विधायक के आश्वासन के बाद देखना होगा की कब तक इन ग्रामीणों की पानी की समस्या दूर हो पाती है या हमेशा की तरह सिर्फ आश्वासन से ही ग्रामीणों को काम चलाना पड़ेगा।