छत्तीसगढ़ के इस जिले में मिला लिथियम का भंडार, युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर

Lithium reserves found in this district of Chhattisgarh, youth will get employment opportunities

छत्तीसगढ़ के इस जिले में मिला लिथियम का भंडार, युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर

Lithium reserves in korba Chhattisgarh

Modified Date: March 30, 2024 / 09:45 pm IST
Published Date: March 30, 2024 9:45 pm IST

Lithium reserves in korba Chhattisgarh: कोरबा। ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर कोरबा ऊर्जा के क्षेत्र में फिर एक बार नई इबारत लिखने को तैयार है। कटघोरा के घुचापुर इलाके में लिथियम का एक बड़ा भंडार जमीन के नीचे मिला है। भविष्य की ऊर्जा लिथियम का बड़ा भंडार मिलने की अहम जानकारी खुद जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने साझा की है। लिथिमय का बड़ा खदान मिलने के बाद अब उसकी निलामी की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

कटघोरा के लिथियम ब्लॉक के लिए ओला, वेदांता, जिंदल, श्री सीमेंट, अडाणी समूह, अल्ट्राटेक सीमेंट सहित कई बड़ी कंपनियों ने बोली लगाई है। अर्जेंटीना की एक कंपनी भी बिडिंग की प्रक्रिया में शामिल होगी। लिथियम का भंडार मिलने से कोरबा दुनिया के मानचित्र पर तो नजर आएगा ही रोजगार के सैंकड़ों द्वार भी खुलेंगे। लिथियम खदान शुरू होने पर सिर्फ कोरबा ही नहीं छत्तीसगढ़ और देश में समृद्धि के द्वार खुलेंगे।

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Lithium reserves in korba Chhattisgarh

lithium khadan in india कटघोरा आधारभूत सुविधाओं से युक्त मैदानी इलाकों में शुमार है। भौगोलिक स्थिति बेहतर होने के चलते यहां निवेशकों का रुझान भी अधिक है। लिथियम खनन शुरू होने के बाद इससे जुड़ी कंपनियां काम शुरू कर देंगी। तकनीकी एक्सपर्ट और संसाधनों के विकास के लिए भी लोगों की आवश्यकता होगी। इससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे और रेवेन्यू भी बढ़ेगा। प्रदेश में विकास के लिए तय राशि, रॉयल्टी और डीएमएफ के लिए भी इससे सहयोग मिलेगा जो हजारों करोड़ में होगा।

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देश में दुर्लभ श्रेणी के 100 खदान चिन्हित किये गए हैं। इनमें से 20 ब्लॉक की नीलामी शुरू की जा रही है। जिसकी कीमत 45000 करोड़ है। दरअसल लीथियम एक तरह का ऐसा पदार्थ होता है जिसे धातु के रूप में जानते हैं। इसका घनत्व कम होता है। रासायनिक दृष्टि से यह काफी अहम माना जाता है क्योंकि इसे छार धातु ग्रुप का माना गया है। लिथियम से बड़े पैमाने पर बैटरी बनाए जाते हैं। इसका उपयोग मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, लैपटॉप, डिजिटल कैमरे और अन्य उपकरणों की बैटरी को बनाने में किया जाता है। कई तरह की रिचार्ज होने वाली बैटरियां भी इससे बनाई जाती है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com