Lithium reserves in korba Chhattisgarh: कोरबा। ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर कोरबा ऊर्जा के क्षेत्र में फिर एक बार नई इबारत लिखने को तैयार है। कटघोरा के घुचापुर इलाके में लिथियम का एक बड़ा भंडार जमीन के नीचे मिला है। भविष्य की ऊर्जा लिथियम का बड़ा भंडार मिलने की अहम जानकारी खुद जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने साझा की है। लिथिमय का बड़ा खदान मिलने के बाद अब उसकी निलामी की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
कटघोरा के लिथियम ब्लॉक के लिए ओला, वेदांता, जिंदल, श्री सीमेंट, अडाणी समूह, अल्ट्राटेक सीमेंट सहित कई बड़ी कंपनियों ने बोली लगाई है। अर्जेंटीना की एक कंपनी भी बिडिंग की प्रक्रिया में शामिल होगी। लिथियम का भंडार मिलने से कोरबा दुनिया के मानचित्र पर तो नजर आएगा ही रोजगार के सैंकड़ों द्वार भी खुलेंगे। लिथियम खदान शुरू होने पर सिर्फ कोरबा ही नहीं छत्तीसगढ़ और देश में समृद्धि के द्वार खुलेंगे।
lithium khadan in india कटघोरा आधारभूत सुविधाओं से युक्त मैदानी इलाकों में शुमार है। भौगोलिक स्थिति बेहतर होने के चलते यहां निवेशकों का रुझान भी अधिक है। लिथियम खनन शुरू होने के बाद इससे जुड़ी कंपनियां काम शुरू कर देंगी। तकनीकी एक्सपर्ट और संसाधनों के विकास के लिए भी लोगों की आवश्यकता होगी। इससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे और रेवेन्यू भी बढ़ेगा। प्रदेश में विकास के लिए तय राशि, रॉयल्टी और डीएमएफ के लिए भी इससे सहयोग मिलेगा जो हजारों करोड़ में होगा।
देश में दुर्लभ श्रेणी के 100 खदान चिन्हित किये गए हैं। इनमें से 20 ब्लॉक की नीलामी शुरू की जा रही है। जिसकी कीमत 45000 करोड़ है। दरअसल लीथियम एक तरह का ऐसा पदार्थ होता है जिसे धातु के रूप में जानते हैं। इसका घनत्व कम होता है। रासायनिक दृष्टि से यह काफी अहम माना जाता है क्योंकि इसे छार धातु ग्रुप का माना गया है। लिथियम से बड़े पैमाने पर बैटरी बनाए जाते हैं। इसका उपयोग मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, लैपटॉप, डिजिटल कैमरे और अन्य उपकरणों की बैटरी को बनाने में किया जाता है। कई तरह की रिचार्ज होने वाली बैटरियां भी इससे बनाई जाती है।
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