‘राहुल’ का दौरा, ‘2023’ का रोडमैप! रायपुर में राहुल, चर्चा में ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’, क्या हैं कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के इस दौरे के सियासी मायने

Political meaning of Rahul Gandhi's visit to Chhattisgarh

‘राहुल’ का दौरा, ‘2023’ का रोडमैप! रायपुर में राहुल, चर्चा में ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’, क्या हैं कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के इस दौरे के सियासी मायने
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: February 3, 2022 11:52 pm IST

रायपुरः Rahul Gandhi’s visit to Chhattisgarh गुरुवार को तय कार्यक्रम के तहत कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी रायपुर आए और तकरीबन पांच घंटे तक अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए। जिनमें सबसे अहम था। भूमिहीन मजदूरों के लिए न्याय योजना का शुभारंभ, अमर जवान ज्योति का शिलान्यास और नवा रायपुर में सेवाग्राम की नींव रखना। इस मौके पर राहुल गांधी के निशाने पर केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री मोदी और छद्म राष्ट्रवाद रहा। क्या हैं राहुल गांधी के इस दौरे के सियासी मायने। क्या संदेश है इसका।

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Rahul Gandhi’s visit to Chhattisgarh राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे की तीन तस्वीरें साफ इशारा कर रही है कि कांग्रेस ने 2023 के लिए अपना रोडमैप तय कर लिया है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले अगले साल हो। लेकिन कांग्रेस ने सामाजिक न्याय, गांधीवाद और राष्ट्रवाद के मुद्दे को लेकर चुनावी बिसात बिछा दी है। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मौके को सबसे बड़ा दिन बताया। उन्होंने कहा कि 16 साल पहले आज ही के दिन मनरेगा की शुरुआत हुई थी और इसी दिन भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना भी शुरू की जा रही है। अमर ज्योति जवान की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हए कहा कि हम देश को जोड़ने का काम कर रहे हैं।

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जाहिर तौर पर राहुल गांधी के दौरे के बहाने छत्तीसढ़ कांग्रेस ने अपने तीन प्रमुख लक्ष्यों को एक साथ जनता के सामने रखा। न्याय योजना के जरिए राज्य सरकार ने जहां सामाजिक न्याय का मॉडल पेश किया तो नवा रायपुर में वर्धा की तर्ज पर सेवाग्राम के जरिए गांधीवादी विकास का मॉडल। सबसे अहम अमर जवान ज्योति के जरिए राष्ट्रवाद के कांग्रेसी वर्जन को सामने रखा। यही वजह है कि इस अवसर पर राहुल गांधी ने छद्म राष्ट्रवाद को लेकर केंद्र सरकार पर प्रहार किए।

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बहरहाल कांग्रेस ने जिस तरह से अपनी योजनाओँ में सामाजिक न्याय, गांधीवाद और राष्ट्रवाद के मॉडल को अपनाया है। उससे ये तो तय है कि वो आने वाले चुनाव में बीजेपी को कोई भी मौका नहीं देना चाहती। अब सवाल ये है कि क्या 2023 के चुनाव में कांग्रेस इन्हीं क्षेत्रों को सामने रखकर जनता के सामने जाना चाहती है ? क्या छत्तीसगढ़ में इस मॉडल को टेस्ट कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर आजमाने की योजना है और सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या कांग्रेस तीनों लक्ष्यों के जरिए अपने रिफॉर्म योजना को पेश करने जा रही है?

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।