Prsiedent of Ukriane Not Agree to Surrender infront Russia

रूस ने यूक्रेन पर किए ताबड़तोड़ हमले, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने किया किसी भी दबाव में नहीं झूकने का फैसला

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने किया किसी भी दबाव में नहीं झूकने का फैसला! Prsiedent of Ukriane Not Agree to Surrender infront Russia

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : February 24, 2022/11:50 pm IST

रायपुर: Prsiedent of Ukriane यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूरोप समेत पूरी दुनिया में तनाव की स्थिति है। रूस ने साफ कह दिया है कि वो हमले जारी रखेगा और जो भी देश यूक्रेन की तरफ से इसमें हस्तक्षेप करेगा उसके खिलाफ भी कड़े कदम उठाएगा। हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भी किसी भी दबाव में नहीं झुकने का फैसला किया है। यूरोप के सभी देशों के साथ ही अमेरिका ने भी इस हमले के लिए रूस की निंदा की है। भारत वहां फंसे लगभग 20 हजार नागरिकों को लेकर चिंतित है। पीएम मोदी ने विदेश, रक्षा और गृह मंत्री के साथ ही विदेश सचिव और NSA के साथ इस मसले पर हाई लेवल बैठक की। पीएम मोदी ने पूरे मसले पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात की और पूरे मसले को डिप्लोमेसी के जरिए हल निकालने को कहा।

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Prsiedent of Ukriane यूक्रेन के आसमान पर उड़ रहे रूस के हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान लगातार मिसाइल और बम बरसा रहे हैं। रूस ने यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर भारी बमबारी की है। राजधानी कीव समेत पूरे देश के अलग-अलग जगहों से धुएं का गुबार नजर आ रहा है। रूस ने ये हमला तीन तरफ से किया है। एयर स्ट्राइक के साथ ही सड़कों पर भी रूस के टैंक नजर आ रहे हैं। हालांकि यूक्रेन ने भी कई जगह रूसी लड़ाकू विमान को मार गिराने का दावा किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दीमीर जेलेंस्की ने साफ कह दिया है कि रूस के इस हमले से डरकर हम हथियार नहीं डालेंगे. आम लोगों से भी हथियार उठाकर लड़ने की अपील की। इस हमले के बीच यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों और राजनयिकों की वापसी की चिंताएं बढ़ गई हैं। वहां नागरिक विमानों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित है। सरकार लगातार स्थिति पर नजर रख रही है। यूक्रेन में भारतीय राजदूत पार्थ सतपथी ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। एक एक भारतीय नागरिकों को जबतक सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लेते तब तक काम करते रहेंगे।

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रूस और यूक्रेन के बीच इस लड़ाई की शुरुआत का असर पहले दिन ही भारत सहित पूरी दुनिया पर नजर आया। दुनियाभर के शेयर बाजार इसकी वजह से औंधे मुंह गिरे। साथ ही कच्चे तेल की कीमतें भी 10 साल में पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गईं। भारत में भी तेल की कीमतें बढ़ने से आने वाले समय में अर्थव्यवस्था पर महंगाई की मार पड़ने की आशंका मंडरा रही है। ऐसे में सरकार के साथ ही रक्षा विशेषज्ञ भी ये उम्मीद जता रहे हैं कि रूस और यूक्रेन का संकट जल्द से जल्द बातचीत के जरिए हल हो।

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उधर अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस की इस कार्रवाई को बर्बरता और तानाशाहीपूर्ण रवैया बताया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रॉ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रूस की इस कार्रवाई की भर्त्सना करते हुए यूक्रेन का साथ दिया। नाटो के सदस्य देशों ने भी इसकी निंदा करते हुए रूस को कार्रवाई की चेतावनी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और एनएसए डोवाल समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हाईलेवल बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। यूरोपियन यूनियन के रक्षा मामलों के प्रमुख ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की। जिसमें इस स्थिति को नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा की गई। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के बारे में जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।

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