CG Kanker Rajesh Vishwas News: कांकेर। जिले के पखांजुर इलाके के सबसे बड़े खेरकट्टा परलकोट जलाशय के ओवर पोल में फ़ूड ऑफिसर साहब का महँगा फोन लगभग 15 फिट गहरा पानी में गिर गया। फोन को निकालने के लिए 30 एच पी के पंप को लगातार तीन दिनों में डेढ़ हजार एकड़ खेत सिंचाई करने के लायक पानी बहा दिया गया। अफसर साहब का फोन तो मिल गया लेकिन अफसर के फ़ोन के लिये किसानों के साथ अन्याय कर दिया गया। इधर कार्यवाही करते हुए फ़ूड ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं अधिकारी का कहना है कि मैने ऐसा काम नहीं किया जिसके कारण मुझे सजा दी जाए।
दरअसल कोयलीबेड़ा ब्लॉक के फ़ूड ऑफिसर रविवार को छुट्टी मनाने खेरकट्टा परलकोट जलाशय पहुचे थे, जहाँ पर फ़ूड ऑफिसर का महँगा फोन खेरकट्टा परलकोट जलाशय के ओवर पुल पर लबालब 15 फिट तक भरा हुआ पानी में गिर गया। जिसके बाद अधिकारी का फोन को निकालने चर्चा शुरू हुई और अधिकारी के द्वारा सिंचाई विभाग से बकायदा चर्चा कर पम्प लगाकर जलाशय का पानी बहा दिया। पानी निकालने के लिए पिछले तीन दिनों से लगातार 30 एच पी का पंप चलता रहा।
अब सवाल यह उठता है कि अफसर साहब के फोन में आखिर ऐसा क्या था जिसके लिए किसानों के सिंचाई के लिए उपयोग किये जाने वाले पानी को इस कदर बहा दिया गया। वहीं इस मामले में जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी राम लाल ढिवर का कहना है कि अनुसार 5 फिट तक पानी को खाली करने का परमिशन मौखिक तौर पर दिया गया था, लेकिन अब तक 10 फिट से ज्यादा पानी निकाल दिया गया।
CG Kanker Rajesh Vishwas News: अफसर के महंगे फोन की कीमत शायद क्षेत्र के सैकड़ों किसानों के जीवन यापन के साधन से बढ़कर नजर आ रही है जो इस कदर गर्मी के मौसम में भी सिंचाई के लिए उपयोग किये जा सकने वाले पानी को व्यर्थ बहा दिया गया।
officer’s mobile fell in the reservoir अब सवाल ये है कि आखिरकार ऐसी क्या नौबत आ पड़ी कि भीषण गर्मी के बीच कीमती पानी की बर्बादी कर डाली? इन सवालों को जवाब भी अधिकारी साहब ने बड़े ही रोचक अंदाज में दिया।
जवाब: मेरे पास आईफोन नहीं, बल्कि SAMSUNG S23 था, जिसकी कीमत 95 हजार रुपए है। हर किसी का पर्सनल मोबाइल होता है। अगर मोबाइल खो जाता है तो सब पहले उसे ढूंढने की ही कोशिश करते हैं। मेरा मोबाइल भी टंकी यानी जलाशय के स्टोरेज वेस्ट वाटर में गिर गया था और पानी में 10 फीट नीचे पहुंच गया था। यह देख मेरे जानने वाले गांव के लोगों ने बोला कि हम लोग इसे निकाल देंगे। उन्होंने रविवार और सोमवार को गोता लगाकर पानी से मोबाइल निकालने की काफी कोशिश की थी। लेकिन नीचे कांच के टुकड़े होने और गंदगी होने के कारण उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। इसलिए गोताखोरों ने जलाशय को 2-3 फीट खाली करवाने की सलाह दी। इसी के चलते मैंने सिंचाई विभाग के एसडीओ से बात की और उन्हें बताया कि यह अनुपयोगी पानी है। क्या मैं इसके 2-3 फीट पानी को नहर के रास्ते बहा सकता हूं? इस पर एसडीओ ने मौखिक अनुमति दे दी। चूंकि जलाशय के पास बिजली की सुविधा नहीं है, इसलिए मैंने अपने डीजल पंप लगाकर जलाशय के 2-3 फीट पानी को नहर में डलवा दिया।
जवाब: जलाशय के अंदर का पानी निकालना होता तो उसकी लिखित अनुमति लेनी होती है, चूंकि यह जलाशय के स्टोरेज का पानी था। जहां पर लोग नहाने जाते हैं, यह पानी फेंकना या किसी किसान को देना संभव नहीं था। इसलिए स्टोरेज टैंक के पानी को थोड़ा बहुत निकालने की मौखिक इजाजत मिल गई।
जवाब: मैंने कोशिश न के बराबर की। सबसे ज्यादा गांव में मेरे जानने वाले ही मोबाइल की तलाश में लगे हुए थे। उनका कहना था कि दो दिन मोबाइल को खोजते हुए हो गए हैं, अब अगर 2-3 फीट पानी निकल जाए तो मोबाइल को ढूंढना आसान हो जाएगा। इसीलिए मैंने डीजल पंप लगवा दिया था, चूंकि जलाशय के टैंक के नीचे सीमेंट का प्लास्टर था और चिकनी मिट्टी जम गई थी। उसमें कांच इत्यादि के टुकड़े पड़े हुए थे। इसी वजह से मोबाइल निकाला नहीं जा सकता था, लेकिन मोबाइल मिलने की भी संभावना 99 प्रतिशत थी, इसलिए मैंने मोबाइल ढूंढने की कोशिश की।
जवाब: मैंने कोई इतनी बड़ी गलती नहीं की है कि समाचारों में आ जाऊं। कहा जा रहा है कि मोबाइल निकालने के लिए मैंने 1 लाख रुपए खर्च कर दिए, जबकि इतनी कीमत तो मोबाइल की ही नहीं है। इस पूरी सर्चिंग में सिर्फ 7000 से 8000 रुपए तक का खर्च आया। जबकि मैंने स्थानीय लोगों से पाइप मंगाकर पानी को नहर में डलवा दिया, न कि पानी बाहर बहाया। मैंने कोई पद का दुरुपयोग नहीं किया।
जवाब: मैं कोई गरीब परिवार से नहीं हूं, मेरे घर में सभी लोग नौकरीपेशा हैं। फूड इंस्पेक्टर अपने शौक से बना हूं, पैसे के मामले में मुझे कोई दिक्कत नहीं है।
read more: नक्सलियों के दो-दो हजार के नोट बदलवाने बैंक जा रहे थे युवक, 6 लाख नोट समेत दो गिरफ्तार
पीएम मोदी के कार्यकाल पर आईबीसी24 चला रहा है महापोल ! इस पोल में शामिल होकर आप भी अपनी राय जरूर दें। हम आपके फैसले को रात 9 बजे IBC24 न्यूज में दिखाएंगे।
rajesh vishwas food inspector,
rajesh vishwas,
राजेश विश्वास ,
राजेश विश्वास फ़ूड इंस्पेक्टर ,
rajesh vishwas kanker ,
राजेश विश्वास कांकेर ,
खबर महाराष्ट्र अदालत नरेश गोयल जमानत
17 mins agoMay Bank Holiday: आज ही फटाफट निपटा लें बैंक से…
26 mins ago