राज्य के 2029 गौठान हुए स्वावलंबी, गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण तक खुद की राशि का करने लगे उपयोग

छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से महत्वपूर्ण सुराजी गांव योजना के गरूवा घटक के तहत अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 7777 गौठानों में से 2029 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं।

राज्य के 2029 गौठान हुए स्वावलंबी, गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण तक खुद की राशि का करने लगे उपयोग

Gauthan

Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 pm IST
Published Date: December 4, 2021 8:56 pm IST

रायपुर, 04 दिसम्बर 2021। छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से महत्वपूर्ण सुराजी गांव योजना के गरूवा घटक के तहत अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 7777 गौठानों में से 2029 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। स्वावलंबी गौठान गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के लिए स्वयं के पास उपलब्ध राशि का उपयोग करने लगे हैं। रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 249 गौठान स्वावलंबी हुए है। दूसरे नंबर कबीरधाम जिले में 141 गौठान तथा तीसरे क्रम पर महासमुन्द जिले में 131 गौठान स्वावलंबी हुए है।

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कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गरियाबंद जिले में 25, धमतरी में 66, बलौबाजार में 84 तथा रायपुर जिले में 75, दुर्ग में 86, बालोद में 57, बेमेतरा में 58, राजनांदगांव जिले में 101, कोरबा में 103, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 25, जांजगीर-चांपा में 90, बिलासपुर में 76, मुंगेली में 60, कोरिया में 73, जशपुर में 70, बलरामपुर में 55, सरगुजा में 65, सूरजपुर में 53, कांकेर में 105, कोण्डगांव में 21, दंतेवाड़ा में 35, नारायणपुर में 6, बस्तर में 35, बीजापुर में 22 तथा सुकमा जिले में 52 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं।

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गौरतलब है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक 10569 गांवों में गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। जिसमें से 7777 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और वहां पर गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियां संचालित हो रही है। वर्ममान में 2420 गौठानों  का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है शेष 372 गौठानों के निर्माण का कार्य अभी शुरू कराया जाना है। गौठानों में पशुधन के देखरेख, चारे-पानी एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील पर पशुधन के चारे के लिए किसानों द्वारा पैरा दान किया जा रहा है। अब तक 4 लाख 83 हजार क्विंटल से अधिक पैरा गौठानों में दान के माध्यम से संग्रहित किया है। जिसका मूल्य 200 रूपए प्रति क्विंटल के मान से 9 करोड़ 66 लाख के लगभग है। इसके अलावा गौठानों में पशुओं के लिए हरे चारे के इंतजाम के लिए हाईब्रिड नेपियर ग्रास का रोपण एवं अन्य चारे की बुआई भी की गई है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com