खनन मामले में गरमाई सियासत, सहकारिता मंत्री पर पार्टी विधायकों ने ही लगाए आरोप | Politics in mining case The party legislators only accused the Cooperative Minister

खनन मामले में गरमाई सियासत, सहकारिता मंत्री पर पार्टी विधायकों ने ही लगाए आरोप

खनन मामले में गरमाई सियासत, सहकारिता मंत्री पर पार्टी विधायकों ने ही लगाए आरोप

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : August 28, 2019/10:28 am IST

भोपाल। अवैध खनन पर सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह पर सवाल उठ रहे हैं। भिंड जिले के ही दो विधायकों के साथ कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेताओं ने सवाल उठाए है। अवैध खनन को लेकर गोविंद सिंह पर विधायक ओपीएस भदौरिया और रणवीर जाटव ने सवाल खड़े किए हैं। विधायकों ने कहा कि वरिष्ठ मंत्री होने के नाते गोविंद सिंह को जानकारी होना थी, सार्वजनिक मंच पर मंत्री को ये मुद्दा नहीं उठाना था। यदि मुद्दा उठाना ही था तो विधायक कैबिनेट में क्यों नहीं उठाया गया। विधायक
गोविंद सिंह के क्षेत्र लहार में कार्रवाही क्यों नहीं हो रही है।  प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी का बयान भी सामने आया है उन्होंने कहा कि लहार और दतिया में सबसे ज्यादा अवैध उत्खनन है।

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मध्य प्रदेश सरकार में अवैध उखनन को लेकर सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले डॉक्टर गोविन्द सिंह के अपनी सरकार पर इतने गंभीर आरोप लगाने के बाद अवैध खनन को कांग्रेस के अंदर ही टकराहट के हालात पैदा हो गए हैं। कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के बाद अवैध उत्खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही थी, लेकिन सत्ता में आने के आठ माह बाद भी वह इस पर अंकुश नहीं लगा पाई है। जिसको लेकर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री भी खुलकर बोलने लगे है। ताजा मामला भिंड जिले में अवैध खनन को लेकर मंत्री गोविन्द सिंह के बयान को लेकर है भिंड में अवैध खनन की बात सभी कह रहे है पर कांग्रेस के अंदर ही एक थड़े ने सीधे तौर पर मंत्री गोविन्द सिंह को जिम्मेदार बताते हुए उनके बयान को लेकर इस्तीफे तक की मांग की है।

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मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी, केन नदी, बेतवा, काली सिंध सहित कई नदियों में अवैध खनन तो हो ही रहा है, पहाड़ों को तोड़ने का दौर भी जारी है। यह सिलसिला कोई आज शुरू नहीं हुआ है बल्कि वर्षों से चला आ रहा है। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट कर अवैध खनन पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा , ‘खदानों के संचालन में पारदर्शिता की आवश्यकता है। 80 प्रतिशत गिट्टी खदानों का धंधा राजनेताओं की गिरफ्त में है। रॉयल्टी की चोरी एक आम बात है।’ उन्होंने कहा कि जिस प्रकार विगत 15 सालों में नर्मदा और अन्य नदियों का दोहन हुआ, यह सार्वजनिक शर्मिंदगी का प्रतीक है” कांग्रेस नेताओं के अपनी सरकार पर उठाए जा रहे सवाल ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है साथ ही इस मुद्दे पर कांग्रेस अंतर्कलह भी सामने आ आयी है। सरकार और कांग्रेस के इस मामले में बैकफुट बाद अब सरकार की और से जबाबदेही तय करने की बात कहि जा रही है

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चंबल का अंचल अवैध खनन के लिए हमेशा मुफीद रहा है, लेकिन बदलते समय और मोटी काली कमाई की वजह से यह खेल पूरे प्रदेश में फैल गया। दरअसल पूरा खेल माफिया, सियासत और अफसरशाही के बीच खेला जाता है। लिहाजा सरकार कोई भी हो खनन -माफिया अपनी पकड़ बना ही लेते हैं ।

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मध्य प्रदेश में सरकार बदलने के बाद इस खेल में पकड़ बनाने के लिए आरोपों ने सरकार और सत्ता लोगो के बीच ही टकराव के हालात पैदा कर दिए हैं। डॉक्टर गोविन्द सिंह के बयान ने सरकार की किरकिरी तो कराई है पर उनके ऊपर लगाए जा रहे आरोपों ने कांग्रेस की फजीहत भी करा दी है ऐसे में कांग्रेस इस मामले में डेमेज कंट्रोल कैसे करेगी यह बड़ा सवाल है।

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