धान, चावल की नीलामी के लिए ये समय सही नहीं : बृजमोहन अग्रवाल, कैबिनेट के फैसले पर पूर्व मंत्री का बयान | This is not the right time to auction paddy, rice: Brijmohan Aggarwal Ex-minister's statement on cabinet decision

धान, चावल की नीलामी के लिए ये समय सही नहीं : बृजमोहन अग्रवाल, कैबिनेट के फैसले पर पूर्व मंत्री का बयान

धान, चावल की नीलामी के लिए ये समय सही नहीं : बृजमोहन अग्रवाल, कैबिनेट के फैसले पर पूर्व मंत्री का बयान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : February 25, 2021/11:29 am IST

रायपुर।  भूपेश कैबिनेट ने बड़ा निर्णय लिया है। 20.5 लाख मीट्रिक टन धान पर कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया गया है। प्रदेश सरकार धान के साथ चावल की भी नीलामी करेगी। इस फैसले पर  पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बयान सामने आया है।

ये भी पढ़ें:जयशंकर ने उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री से वार्ता की, रक्षा एवं कारोबार सहयोग …

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि धान, चावल की नीलामी के लिए ये समय सही नहीं है, अभी बाज़ार में धान और चावल की मांग कम है।  सरकार को धान सड़ने से बचाना चाहिए।

ये भी पढ़ें:  
रसोई गैस के दामों में इजाफा, एक महीने में तीसरी बार बढ़े दाम, गैर स…

बता दें कि  राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। भारत सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम में  24 लाख में टन चावल लिए जाने की अनुमति दी गई है। राज्य पीडीएस हेतु 24 लाख मीट्रिक टन  चावल की आवश्यकता की पूर्ति के पश्चात अनिराकृत धान 20.5 लाख मीट्रिक टन सरप्लस (अतिशेष) है। जिसका निराकरण समिति स्तर से नीलामी के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है।

ये भी पढ़ें:  नोएडा: दहेज के लिए पत्नी की हत्या करने के मामले में आरोपी पति गिरफ्…

नीलामी में प्राप्त अधिकतम दर का अनुमोदन धान खरीदी और कस्टम  मिलिंग के लिए गठित मंत्रि-मण्डलीय उप समिति द्वारा किया जाएगा। नागरिक आपूर्ति निगम में उपलब्ध चावल की विक्रय दर मंगाने हेतु खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में विधानसभा के मुख्य समिति कक्ष में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय-
1. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा निर्मित आयुर्वेद दवाओं, हर्बल उत्पादों तथा लघु वनोपज के प्रसंस्करण से प्राप्त प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थो के शासकीय विभागों द्वारा क्रय किए जाने का निर्णय लिया गया। राज्य लघु वनोपज संघ के पास उत्पाद उपलब्ध नही होने की स्थिति में शासकीय विभागों द्वारा संघ से अनापत्ति प्राप्त कर उन उत्पादों की खरीदी बाजार से की जा सकेगी।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा स्वयं अथवा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से निर्मित उपरोक्त उत्पादों के संबंध में छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम के प्रावधान के अनुसार निविदा आमंत्रण को शिथिल करने का निर्णय लिया गया। विक्रय मूल्य के निर्धारण के लिए अपर मुख्य सचिवध्प्रमुख सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति के गठन का भी निर्णय लिया गया।

2. प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में कोदो-कुटकी एवं रागी को समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का निर्णय लिया गया।
3. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का उन्नीसवां वार्षिक प्रतिवेदन (एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020) विधानसभा के पटल में रखे जाने हेतु अनुमोदन किया गया।

4. खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित अनिराकृत धान के निराकरण के संबंध में निर्णय लिया गया कि – सूखत उपरांत संग्रहण केन्द्र में शेष अनुमानित 2.27 लाख मीट्रिक टन धान के निराकरण के लिए उसना कस्टम मिलिंग के शेष 1.72 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने के लक्ष्य को निरस्त कर छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में पूर्व में निर्धारित लक्ष्य 28.55 लाख टन के विरूद्ध चावल जमा करने हेतु शेष मात्रा 92,000 टन के अतिरिक्त 60,000 टन चावल स्टेट पूल में छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करने की अनुमति दी गई।

5. राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। भारत सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम में 24 लाख में टन चावल लिए जाने की अनुमति दी गई है। राज्य पीडीएस हेतु 24 लाख मीट्रिक टन चावल की आवश्यकता की पूर्ति के पश्चात अनिराकृत धान 20.5 लाख मीट्रिक टन सरप्लस (अतिशेष) है। जिसका निराकरण समिति स्तर से नीलामी के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है। नीलामी में प्राप्त अधिकतम दर का अनुमोदन धान खरीदी और कस्टम मिलिंग के लिए गठित मंत्रि-मण्डलीय उप समिति द्वारा किया जाएगा। नागरिक आपूर्ति निगम में उपलब्ध चावल की विक्रय दर मंगाने हेतु खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया है।

6. छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क (संशोधन) अधिनियम 2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

7. छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड के कोरबा में स्थापित 120 मेगावाट क्षमता की दोनो इकाईयों को बंद करने हेतु कंपनी के संचालक मण्डल द्वारा लिए गए निर्णय का अनुसमर्थन किया गया तथा पॉवर प्लांट को बंद करने के फलस्वरूप उपलब्ध रिक्त भूमि के वैकल्पिक उपयोग पर निर्णय के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया।

8. छत्तीसगढ़ राज्य में लघु वनोपज के परिवहन में टी.पी. नियम को शिथिल करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा काष्ठ, खनिज, वन्य जीव उत्पाद तथा तेन्दूपत्ता को छोड़कर समस्त अविनिर्दिष्ट लघु वनोपजों को यह छूट दी गई है।