कोरबा। आज राष्ट्रीय पक्षी दिवस है, आपको ये जानकर हैरत होगी कि कोरबा जैसे प्रदूषित शहर में भी एक-दो या तीन नहीं, बल्कि 16 तरह के प्रवासी पक्षी हर साल दूर देशों से लंबी यात्रा कर आते हैं। खासकर बतख परिवार से ताल्लुक रखने वाले ज्यादातर विदेशी मेहमान साइबेरिया में कड़ाके की सर्दी से बचने और कोरबा के अनुकूल वातावरण से आकर्षित होकर परिवार बढ़ाने 17 हजार किलोमीटर का लंबा सफर तय कर पहुंचते हैं। चिंताजनक बात यह है कि वर्ष 2010 के बाद कुछ प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों ने कोरबा आना बंद कर दिया है।
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कोरबा जोन में 16 प्रकार के माइग्रेटेड पक्षियों के प्रवास पर दशकों से कोरबा में आगमन दर्ज किया जाता रहा है। इनमें कनकी में आने वाले ओपन बिल स्टॉर्क जैसे सारस प्रजाति के समूह को छोड़ दें तो बतख प्रजाति के ज्यादातर प्रवासी पक्षी करीब 17 हजार किलोमीटर का लंबा सफर तय कर साइबेरिया से आते हैं।
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साइबेरिया में ज्यादा ठंड पड़ती है, इसलिए वे सर्दियों को टाइओवर करने के लिए यहां आते हैं। हमारे यहां उनके अनुकूलन के अनुरूप धूप रहती है, जो उनके अंडे से बच्चे निकलने एवं विकसित होने तक के लिए काफी मददगार साबित होती है।
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