असम के 19 पारंपरिक शिल्पों और उत्पादों को मिला जीआई टैग : हिमंत विश्व शर्मा |

असम के 19 पारंपरिक शिल्पों और उत्पादों को मिला जीआई टैग : हिमंत विश्व शर्मा

असम के 19 पारंपरिक शिल्पों और उत्पादों को मिला जीआई टैग : हिमंत विश्व शर्मा

:   Modified Date:  March 31, 2024 / 10:39 PM IST, Published Date : March 31, 2024/10:39 pm IST

गुवाहाटी, 31 मार्च (भाषा) ‘बिहू ढोल’, ‘जापी’ और सार्थेबारी घंटी धातु शिल्प और बोडो समुदाय के कई पारंपरिक उत्पादों और शिल्पों सहित असम के कम से कम 19 उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग दिए गए हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को यह जानकारी दी।

इनमें से 13 उत्पाद विशेष रूप से बोडो समुदाय से जुड़े हुए हैं, जो राज्य में सबसे बड़ा आदिवासी समूह है।

मुख्यमंत्री ने इसे राज्य की विरासत के लिए बड़ी जीत करार देते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), आरओ गुवाहाटी के समर्थन से और पद्मश्री डॉ. रजनी कांत, जीआई विशेषज्ञ की सहायता से पारंपरिक शिल्पों को छह प्रतिष्ठित जीआई टैग प्रदान किए गए हैं। इसमें असम बिहू ढोल, जापी, सार्थेबारी धातु शिल्प और कुछ प्रतिष्ठित उत्पाद शामिल हैं। इतिहास में गहरी जड़ें जमा चुके ये उत्पाद लगभग एक लाख लोगों को सीधे जीविका प्रदान करते हैं।’’

‘असम जापी’ बांस की एक पारंपरिक टोपी है और बिहू ढोल एक पारंपरिक ढोल है, जो बिहू उत्सव के दौरान बजाया जाता है।

इन उत्पादों के वास्ते जीआई टैग के लिए आवेदन 2022 के उत्तरार्ध में किए गए थे और इनके प्रमाणन की पुष्टि शनिवार को की गई थी। प्रमाणित उत्पादों में असम जापी (एक पारंपरिक बांस टोपी) और असम बिहू ढोल (बिहू के दौरान बजाया जाने वाला पारंपरिक ढोल) शामिल हैं।

असम अशरिकांडी टेराकोटा शिल्प, असम पानी मटेका शिल्प, सार्थेबारी धातु शिल्प और असम मिसिंग हथकरघा उत्पाद कुछ अन्य उत्पाद हैं, जिन्हें जीआई टैग प्रदान किया गया है।

हिमंत ने ‘एक्स’ पर एक अलग पोस्ट में कहा कि बोडो समुदाय के 13 उत्पादों को भी यह अनोखा प्रमाणन प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘ आज पूरे बोडोलैंड के लिए बहुत गर्व का दिन है, क्योंकि बोडोफा यूएन ब्रह्मा की जयंती पर, बोडो पहचान की प्रतीक 13 वस्तुओं को भारत सरकार से प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग प्राप्त हुआ है।’’

जिन 13 वस्तुओं को जीआई टैग प्राप्त हुआ है, उनमें तीन कृषि उत्पाद – गोंगर डुंजिया, केराडापिनी और खारडवी हैं, जबकि छह संगीत वाद्ययंत्र – खाम, सेरजा, थोरखा, जोथा, गोंगोना और सिफंग शामिल हैं।

भाषा रवि कांत दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)