नई दिल्ली: देश की सबसे सुरक्षित इमारत माने जाने वाले संसद भवन परिसर की सुरक्षा और भी पुख्ता करने के साथ सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त 250 अतिरिक्त केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों को जल्द ही नियुक्त किया जाएगा। बताया गया हैं कि इनमें 230 से अधिक को इसके भीतर तैनात किया जाएगा जो किसी भी तरह के विपरीत हालात में वीआईपी नेताओं को प्रोटेक्शन देंगे। सूत्रों के अनुसार सरकार के निर्देश पर सीआईएसएफ महानिदेशक नीना सिंह ने इन कर्मियों को तैनात बल के मौजूदा सुरक्षा विंग में इंटीग्रेशन के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। (250 CISF soldiers will protect the Parliament) संसद की सुरक्षा के लिए जिन सुरक्षाबलों को संसद में भेजा जाना प्रस्तावित हैं उनमें 12 निरीक्षक, 45 उप-निरीक्षक, 30 सहायक उप-निरीक्षक, 35 हेड कांस्टेबल और 85 कांस्टेबल स्तर के कर्मचारी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, ये 250 से अधिक सीआईएसएफ कर्मी होंगे।
हो रही हैं कड़ी ट्रेनिंग
बताया गया कि तीन दिवसीय विभागीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के बाद इस सप्ताह के अंत तक संसद सुरक्षा प्रणाली के भीतर तैनात किया गया। वही सीआईएसएफ को इस साल जनवरी में पहली बार अपने 140 कर्मियों के साथ संसद में तैनात किया गया था जिन्हे कुछ विशिष्ट प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा प्रदान करने का काम सौंपा गया है। तब से, ये 140 सीआईएसएफ कर्मी संसद के निर्दिष्ट प्रवेश द्वारों पर आने वालों की तलाशी और सामान की जांच करने के लिए तैनात किये गए हैं।
क्या हैं सीआईएसएफ
सीआईएसएफ देश की सबसे कुशल सुरक्षाबलों की टुकड़ी मानी जाती हैं। सीआईएसएफ की कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें देश भर के हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर नियंत्रण, तलाशी और स्कैनिंग, जिसमें उच्च पर्यटक संख्या वाले स्मारक भी शामिल हैं की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा जाता रहा हैं। इसके अलावा सीएआईएसएफ की निगरानी में बड़े उद्योग संयंत्र, परमाणु बिजली घर, अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे संवेदनशील क्षेत्र भी शामिल हैं।
सामने आइए आई थी सुरक्षा में सेंध
गौरतलब हैं कि पिछले साल दो लोगों ने संसद की सुरक्षा को भेदते हुए भीतर प्रवेश कर लिया था और वहां विरोध स्वरुप धुंए भी उड़ाए थे। (250 CISF soldiers will protect the Parliament) हालाँकि इस घटना से किसी वीआईपी नेता को नुकसान नहीं पहुंचा था और घुसपैठियों को फ़ौरन हिरासत में ले लिया गया था। इस घटना के बाद संसद भवन और देश के अति विशिष्ट नेताओ की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे थे। केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया था कि वह देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद भवन की सुरक्षा को अभेद्द बनाने में जुटे हुए हैं। वही अब अर्धसैनिक बलों तैनाती सरकार की उन्ही तैयारियों का हिस्सा हैं।