अभिजीत बनर्जी ने जन आकांक्षाओं के अनुरूप राष्ट्र बनाने के लिए आईआईटी छात्रों से अपील की |

अभिजीत बनर्जी ने जन आकांक्षाओं के अनुरूप राष्ट्र बनाने के लिए आईआईटी छात्रों से अपील की

अभिजीत बनर्जी ने जन आकांक्षाओं के अनुरूप राष्ट्र बनाने के लिए आईआईटी छात्रों से अपील की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : November 5, 2022/7:11 pm IST

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली से स्नातक की उपाधि हासिल करने वाले छात्रों से भारत को प्रत्येक व्यक्ति की आकांक्षा के अनुरूप राष्ट्र बनाने के लिए अतिरिक्त योगदान देने की अपील की।

आईआईटी, दिल्ली के 53वें दीक्षांत समारोह में बनर्जी ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की इस दृष्टि का समर्थन किया कि यदि आईआईटी का कोई औचित्य है तो यह राष्ट्र के लिए दिया जा सकने वाला इसका योगदान है।

प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘हम जिस राष्ट्र की आकांक्षा करते हैं, उसके लिए अतिरिक्त योगदान देने वाले आप जैसे लोगों की हमें जरूरत है। इसके लिए, मुझे यह कहना है कि मैं चाहता हूं कि आपके कदम अब न रुकें। (आप) परिवर्तन लाना जारी रखें।’’

बनर्जी ने छात्रों से कहा, ‘‘हम एक ऐसे समय में हैं जब हमारी बड़ी आकांक्षाएं हैं, हमारी बड़ी समस्याएं हैं और वहां प्रतिभाशाली लोगों को आना ही होगा। इसलिए, आशावादी बनें और खुद को परिवर्तन का वाहक बनाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बेशक, राष्ट्र के लिए उपयोगी होने के हजारों रास्ते हैं। आप विज्ञान में कुछ बेहतरीन चीजें कर सकते हैं और राष्ट्र को गौरवान्वित कर सकते हैं। आप वैश्विक कंपनी स्थापित कर सकते हैं और सैकड़ों-हजारों युवाओं को नौकरी दे सकते हैं। आप एक औषधि की खोज कर सकते हैं और लाखों लोगों की जान बचा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपने यहां पहुंचने के लिए कई बाधाएं पार की हैं। राष्ट्र को आपकी जरूरत है। नेहरू का प्रौद्योगिकी में बहुत विश्वास था…मैं नेहरू की इस दृष्टि का पूरी तरह से समर्थन करता हूं कि यदि आईआईटी का कोई औचित्य है तो यह राष्ट्र के लिए आपका योगदान है।’’

दीक्षांत समारोह में, कुल 21,000 छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किये गये।

इस अवसर पर आईआईटी, दिल्ली के निदेशक मंडल के अध्यक्ष आर. चिदंबरम ने कहा, ‘‘भारत अब एक विकासशील देश है, जहां अंतरिक्ष और परमाणु क्षेत्र तथा रक्षा के कुछ क्षेत्रों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अत्यधिक विकसित है। और हमारे पास आईआईटी जैसे विश्वस्तरीय अकादमिक संस्थान हैं।’’

भाषा सुभाष सुरेश

सुरेश

 

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