नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) परिवहन उन क्षेत्रों में से एक है जहां 2070 तक कार्बन तटस्थता हासिल करने को लेकर भारत के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और हरित हाइड्रोजन को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ना महत्वपूर्ण होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहां
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को यहां आयोजित एक विचार मंथन सत्र के दौरान प्रमुख विशेषज्ञों ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान और विकास की आवश्यकता पर चर्चा की और ईवी प्रौद्योगिकियों के लिए एक रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ अखिलेश गुप्ता ने कहा, ‘‘भारत को 2070 तक कार्बन तटस्थता हासिल करने के लिए, कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था के डी-कार्बोनाइजेशन की आवश्यकता होगी। परिवहन उनमें से एक है जहां ईवी और ग्रीन हाइड्रोजन में बदलाव महत्वपूर्ण होगा।’’
सत्र में विभिन्न हितधारक समूहों की बड़ी भागीदारी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग ने पिछले कुछ वर्षों में ईवी क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए काफी काम किया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गुप्ता ने इस तरह के प्रयासों को जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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