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CAA Latest News : CAA लागू करने के खिलाफ कांग्रेस के बाद अब इस दल ने खोल दिया मोर्चा, दे दी इतनी बड़ी चेतावनी

CAA Latest News: After Congress, now this party has opened its front against the implementation of CAA, gave such a big warning

Edited By :   Modified Date:  May 22, 2024 / 09:55 PM IST, Published Date : May 22, 2024/9:55 pm IST

CAA Latest News : नई दिल्ली। देश में सीएए लागू होने के बाद कई ​राज्यों में कांग्रेस द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है तो वहीं अब कांग्रेस के अलावा अन्य दल भी इस प्रदर्शन में शामिल हो गए है। दरअसल, कांग्रेस के बाद अब विपक्षी दल सीपीआई-एम ने बुधवार (22 मई) को धमकी दी कि अगर त्रिपुरा सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन की प्रक्रिया को तुरंत नहीं रोका तो वह आंदोलन शुरू करेगी। हालांकि एक तरफ जहां विपक्षी दलों द्वारा ये प्रदर्शन हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से रजिस्ट्रेशन का काम किया जा रहा है।

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CAA Latest News : गृह मंत्रालय (एमएचए) की अधिसूचना के अनुसार, त्रिपुरा सरकार ने सीएए के तहत भारतीय नागरिकता लेने के लिए आवेदन प्राप्त करने, जांच करने, प्रसंस्करण और अंतिम रूप देने के लिए राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति और जिला स्तरीय समितियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तो वहीं दूसरी ओर त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) ने राज्य में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने कहा था कि चुनिंदा प्रवासियों को नागरिकता देने से त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) और गैर-एडीसी क्षेत्रों की जनसांख्यिकीय संरचना बदल जाएगी।

 

सीपीआई-एम ने खोला मोर्चा

सीपीआई-एम के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा, “सीएए पूरे पूर्वोत्तर पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा क्योंकि यह इलाका पहले से ही अवैध आप्रवासियों के संकट से जूझ रहा है। यह अधिनियम खासकर राज्यों के मूल निवासियों के जीवन, संस्कृति और विरासत पर समस्या को कई गुना बढ़ा देगा। इसके अलावा, यह एक विचाराधीन मामला है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक सीएए के खिलाफ दायर लंबित मामलों का समाधान नहीं किया है।”

सीएए क्या है?

1955 के नागरिकता अधिनियम को 2019 में संशोधित किया गया था (जिसे CAA-19 के रूप में जाना जाता है) उन हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, बौद्धों, जैनियों और पारसियों के लिए भारतीय नागरिकता का मार्ग प्रदान करने के लिए जो धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हैं या भय में रहते हैं या धार्मिक अत्याचार।

अधिनियम के 2019 संशोधन के तहत , 31 दिसंबर 2014 को भारत में प्रवेश करने वाले और अपने मूल देश में “धार्मिक उत्पीड़न या भय या धार्मिक उत्पीड़न” का सामना करने वाले प्रवासियों को त्वरित नागरिकता के लिए पात्र बनाया जाएगा।

नागरिकता अधिनियम 2019 में संशोधन ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए नागरिकता के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। सीएए-19 ने पात्र प्रवासियों के देशीयकरण के लिए निवास की आवश्यकता को बारह साल से घटाकर केवल छह साल कर दिया है।

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