एआईसीटीई की पहलः उच्च शिक्षण संस्थानों का प्रत्येक छात्र हर साल पांच निरक्षरों को साक्षर बनाएगा |

एआईसीटीई की पहलः उच्च शिक्षण संस्थानों का प्रत्येक छात्र हर साल पांच निरक्षरों को साक्षर बनाएगा

एआईसीटीई की पहलः उच्च शिक्षण संस्थानों का प्रत्येक छात्र हर साल पांच निरक्षरों को साक्षर बनाएगा

:   Modified Date:  January 18, 2023 / 03:27 PM IST, Published Date : January 18, 2023/3:27 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने देश में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम को गति प्रदान करने के लिये सभी तकनीकी विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों से डिग्री पाठ्यक्रम में अध्ययनरत छात्रों के लिए प्रत्येक वर्ष कम से कम 5 निरक्षरों को साक्षर बनाने के कार्य को शामिल करने को कहा है । ऐसे स्वयंसेवक छात्रों को ‘क्रेडिट’ प्रदान किया जा सकता है।

एआईसीटीई ने सभी तकनीकी संस्थानों के कुलपतियों एवं परिषद से संबद्ध संस्थानों के प्राचार्यों के लिये 16 जनवरी 2023 को जारी परिपत्र में कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थान छात्रों की इन गतिविधियों के लिये कुछ ‘क्रेडिट’ तय कर सकते हैं । छात्रों को यह क्रेडिट तब प्रदान किया जायेगा जब उनके द्वारा पढ़ाये गए लोगों को ‘साक्षरता’ प्रमाणपत्र प्राप्त हो जायेगा।

एआईसीटीई ने कहा कि ऐसे स्वयंसेवकों को विश्वविद्यालय या राज्य सरकार द्वारा प्रमाणपत्र जारी करने का प्रावधान किया जा सकता है ताकि छात्रों को इस कार्य के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।

इसमें कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रौढ़ शिक्षा की नयी योजना ‘नव भारत साक्षरता अभियान’ के दिशानिर्देर्शो के तहत गतिविधियों के लिये छात्रों को प्रशिक्षित किया जा सकता है।

एआईसीटीई ने कहा कि परिषद से मान्यता प्राप्त सभी संस्थानों एवं तकनीकी विश्वविद्यालयों से आग्रह किया जाता है कि देश में शत प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने में योगदान देने के लिये उच्च शिक्षण संस्थानों की क्षमता और संसाधनों का उपयोग करें।

परिषद ने कहा कि प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम को गति प्रदान करने के लिये सभी तकनीकी विश्वविद्यालय एवं संस्थान डिग्री पाठ्यक्रम कार्यों में प्रत्येक वर्ष छात्रों के लिये कम से कम 5 निरक्षर लोगों को पढ़ाया जाना शामिल करें।

गौरतलब है कि सरकार ने प्रौढ़ शिक्षा के सभी पहलुओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं वर्ष 2021-22 की बजटीय घोषणाओं से जोड़ते हुए फरवरी 2022 में ‘‘नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’’ नामक एक नयी योजना को मंजूरी प्रदान की थी।

इसमें साक्षरता के शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने प्रौढ़ शिक्षा के नाम से चल रही योजना को विस्तार दिया है। इसमें अब 15 साल की उम्र के ऊपर के सभी लोगों को शिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम के पांच आयाम हैं जिनमें बुनियादी अंक ज्ञान, साक्षरता के साथ ही महत्वपूर्ण जीवन कौशल से जुड़ा ज्ञान दिया जाना शामिल है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षण संस्थानों के लिये पढ़ाई एवं शोध कार्यों के अलावा कुछ अन्य महत्वपूर्ण जवाबदेही का उल्लेख किया गया है जिसमें सामुदायिक सम्पर्क एवं सेवा आदि में क्रेडिट आधारित कोर्स एवं परियोजनाएं शामिल हैं।

इसके तहत प्रौढ़ शिक्षा में सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने और उच्च शिक्षण संस्थानों को इस मिशन का हिस्सा बनने पर जोर दिया गया है। इसमें संक्षिप्त प्रशिक्षण कोर्स और प्रौढ़ साक्षरता के लिये स्वयंसेवकों के रूप में कार्य करना आदि शामिल है।

भाषा दीपक

दीपक पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)