भाजपा सरकार में इलाहाबाद का महत्व लगातार कम हो रहा: उज्ज्वल सिंह |

भाजपा सरकार में इलाहाबाद का महत्व लगातार कम हो रहा: उज्ज्वल सिंह

भाजपा सरकार में इलाहाबाद का महत्व लगातार कम हो रहा: उज्ज्वल सिंह

:   Modified Date:  May 24, 2024 / 11:36 AM IST, Published Date : May 24, 2024/11:36 am IST

(किशोर द्विवेदी)

प्रयागराज, 24 मई (भाषा) लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘डबल इंजन’ सरकार के फायदों की बात तो करती है लेकिन हकीकत में काम नहीं करती और उसकी सरकार में इलाहाबाद का महत्व लगातार कम हो रहा है।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) की ओर से इलाहाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे सिंह ने यहां चुनाव प्रचार अभियान के दौरान लोगों से कहा, “आखिर किसान क्या चाहते हैं। बिजली, ट्यूबवेल और ‘लिफ्ट’ नहर, ताकि उन्हें अपने खेतों के लिए पानी मिल सके। भाजपा ‘डबल इंजन’ सरकार की डींग हांकती हैं, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं करती।”

उन्होंने ‘इलाहाबादी’ अंदाज में कहा, “भाजपा के लोगों की नीति और नीयत साफ नाही बा।”

सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘स्थानीय सांसद, राज्य के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री सभी भाजपा से हैं, इसके बावजूद यह पार्टी इस लोकसभा क्षेत्र के लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने में विफल रही।”

उज्ज्वल सिंह (51) प्रयागराज जिले की करछना सीट से विधायक रहे हैं।उनके पिता रेवती रमण सिंह समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता हैं और दो बार इलाहाबाद सीट से सांसद रहे हैं।

इलाहाबाद सीट प्रयागराज जिले में है और यहां 18 लाख से अधिक मतदाता हैं जिसमें ज्यादार यमुनापार के ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। इस जिले की दूसरी लोकसभा सीट फूलपुर है जिसमें शहर का कुछ हिस्सा और गंगापार क्षेत्र के गांव आते हैं।

उज्ज्वल सिंह ने कहा, “मेरे मुद्दे स्थानीय हैं और इस तथ्य से जुड़े हैं कि इलाहाबाद का महत्व दिन-ब-दिन घट रहा है। भाजपा के लोग ‘डबल इंजन’ सरकार की बात करते हैं, लेकिन यदि आप देखें तो सरकारी कार्यालय इलाहाबाद से लखनऊ स्थानांतरित कर दिए गए हैं जिससे इलाहाबाद का महत्व कम हुआ है।”

उन्होंने कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा नैनी के औद्योगिक क्षेत्र का है जिसके लिए भाजपा ने बंद पड़ी इकाइयों को चालू करने और नई इकाइयां लगाने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।

सिंह ने कहा कि यहां की सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नहीं होने के कारण निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

सिंह ने आरोप लगाया कि लोग इलाज नहीं मिलने के कारण अपना जीवन गंवा रहे हैं और मरीज के परिवारों को पानी की तरह पैसा बहाना पड़ता है।

भाजपा ने इलाहाबाद लोकसभा सीट से निवर्तमान सांसद रीता बहुगुणा जोशी की जगह वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है।

हाल में समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़कर कांग्रेस में आए सिंह ने कहा कि इलाहाबाद जैसे बड़े शहर में आईटी पार्क, अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम और मेट्रो रेल सेवाओं की जरूरत है, जबकि ग्रामीण इलाकों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि ये सभी मुद्दे प्रासंगिक और इलाहाबाद से जुड़े हैं। पिछले 10 साल में भाजपा ने इन मुद्दों पर कुछ नहीं किया। लोग परेशान हैं और यही वजह है कि वे बदलाव चाहते हैं।”

सिंह ने भाजपा पर इस लोकसभा क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया। इस सीट का प्रतिनिधित्व 2014 से 2024 तक भाजपा नेताओं श्यामा चरण गुप्ता और रीता बहुगुणा जोशी ने किया।

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यदि उन्होंने ध्यान दिया होता तो अब तक काफी काम हो गए होते क्योंकि दिल्ली और लखनऊ दोनों जगह उनकी सरकार है।”

उन्होंने कहा, “इलाहाबाद दूसरे शहरों से पिछड़ रहा है और अब इसे सोते हुए शहर के रूप में जाना जाता है।”

सिंह ने कहा कि सपा नेता दिवंगत जनेश्वर मिश्र ने 1996 में इलाहाबाद में एक तेल रिफाइनरी का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इसके लिए कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस क्षेत्र के लिए तीन बिजली संयंत्र मंजूर किए थे जिसमें से दो चालू हैं, लेकिन भाजपा करछना में तीसरा संयंत्र चालू करना नहीं चाहती।

सिंह ने कहा कि इलाहाबाद के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘वे इलाहाबाद की प्रगति नहीं चाहते। यहां जो भी उद्योग लगे हैं, वे सभी नैनी औद्योगिक क्षेत्र में कांग्रेस के कार्यकाल में लगे।’’

इस बारे में सवाल किए जाने पर कि राजनीतिक विश्लेषक इस सीट पर चुनाव को दो राजनीतिक विरासतों के बीच लड़ाई के तौर पर देखते हैं, उन्होंने जवाब में कहा, “यह विरासत का प्रश्न नहीं है, बल्कि दो दलों के बीच विचारधारा की लड़ाई है। भाजपा लोगों को धर्म के आधार पर बांट रही है जो इस देश के लिए सही नहीं है।”

भाषा राजेंद्र वैभव सिम्मी

सिम्मी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)