कड़ी सुरक्षा में अंसारी का शव यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक |

कड़ी सुरक्षा में अंसारी का शव यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक

कड़ी सुरक्षा में अंसारी का शव यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक

:   Modified Date:  March 30, 2024 / 05:22 PM IST, Published Date : March 30, 2024/5:22 pm IST

( तस्वीरों के साथ )

गाजीपुर/लखनऊ, 30 मार्च (भाषा) माफिया से नेता बने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का शव कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को गाजीपुर जिले में उनके पैतृक निवास युसूफपुर मोहम्मदाबाद के निकट कालीबाग स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि इससे पहले मुख्तार के पैतृक आवास से सुबह के समय जनाजा निकाला गया जिसमें उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी, पुत्र उमर अंसारी और भतीजे विधायक सुहेब अंसारी समेत परिवार के सदस्य तथा समर्थक शामिल रहे। उनके बड़े भाई एवं पूर्व विधायक सिगबतुल्लाह अंसारी समेत परिवार और रिश्तेदार भी जनाजे में शामिल हुए।

इस दौरान भीड़ ने नारे भी लगाये। अफजाल अंसारी ने कब्रिस्तान पहुंचने के बाद लोगों को समझाते हुए भीड़ एकत्र न करने और शांति बनाये रखने की अपील की। बाद में सिगबतुल्लाह भी वहां पहुंचे।

इस बीच, अंसारी का शव दफनाने के पहले सांसद अफजाल अंसारी और जिलाधिकारी के बीच नोकझोंक हुई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शनिवार सुबह कालीबाग के कब्रिस्तान में अंसारी के शव को ले जाने से पहले जब वहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र होने लगे तो जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू होने का हवाला देते हुए कहा कि सिर्फ परिवार के लोग ही जाकर मिट्टी दें। इस पर अफजाल अंसारी ने प्रतिवाद करते हुए कहा कि मिट्टी देने जैसा धार्मिक प्रयोजन पर कोई कानून नहीं लागू होता। सभी को मिट्टी देने का अधिकार है। इस कार्य के लिए अनुमति की जरूरत नहीं होती।

जिलाधिकारी ने कहा कि धारा 144 लगी है। अधिक लोगों की अनुमति भी नहीं ली गई है।

जनाजे की नमाजों के बाद कालीबाग कब्रिस्तान में अंसारी का शव दफनाया गया। मुख्तार के पैतृक आवास के निकट मैदान में और इसके बाद प्रिंस मैदान में जनाजे की नमाज पढ़ी गई। अंसारी के पैतृक आवास से कब्रिस्तान की दूरी आधा किलोमीटर से भी कम है। हालांकि जनाजे को यहां तक लाने में काफी समय लगा।

वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पीयूष मोर्डिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ मैं यहां मोहम्मदाबाद में मौजूद हूं और पुलिस उप महानिरीक्षक यहां पर्यवेक्षण कर रहे हैं।’’

वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) डॉ. ओ.पी. सिंह ने बताया, ‘‘ मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक करने से पहले उनके आवास से जनाजा उठा और शुरुआत में घर के पास में नमाज-ए-जनाजा अदा की गयी। इसके बाद प्रिंस मैदान में भी नमाज पढ़ी गयी।’’

भीड़ द्वारा नारेबाजी और कब्रिस्तान में लोगों को जाने से रोके जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि परिवार के लोगों ने 40-50 लोगों की सूची दी थी, जिन्‍हें कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाए जाने के समय रहने दिया गया। बाकी लोगों को नमाज के बाद रोक दिया गया।

उन्होंने कहा कि पूरी तरह शांति व्यवस्था बनी हुई है।

इससे पहले सिंह ने पत्रकारों को बताया कि परिजनों से वार्ता कर रीति रिवाज पूरे करने के बाद जनाजा निकला। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जो भी कहा अंसारी परिवार के सदस्यों ने आम जनता से अपील की।

उन्होंने कहा कि पुलिस बल और सुरक्षा एजेंसियां यहां लगातार स्थिति पर नजर रख रही हैं और अंसारी के आवास से करीब आधा किलोमीटर दूर कालीबाग कब्रिस्तान तक सुरक्षा घेरा बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि भीड़ बढ़ने पर सुरक्षा बलों के और जवान भी तैनात किये गये।

पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए और पुलिस ने जांच के बाद ही कब्रिस्तान में लोगों को जाने दिया।

इससे पहले, मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक एवं अंसारी के भतीजे मोहम्मद सुहैब अंसारी उर्फ मन्नू अंसारी ने जानकारी दी थी कि उनके चाचा मुख्तार अंसारी के शव को शनिवार सुबह 10 बजे यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाया जायेगा। हालांकि साढ़े 10 बजे तक प्रक्रिया पूरी नहीं पायी।

एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि मुख्तार के शव को उनके माता-पिता की कब्र के पास दफनाया गया है।

मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। हालांकि, अस्पताल के सूत्रों के अनुसार अंसारी के पोस्टमार्टम से इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।

बांदा मेडिकल कालेज में शुक्रवार को अंसारी के शव का पोस्टमार्टम कराये जाने के बाद शाम पौने पांच बजे 26 वाहनों के सुरक्षा काफिले के साथ उसका शव करीब साढ़े आठ घंटे में लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद देर रात एक बजकर 10 मिनट पर उसके पैतृक आवास पर लाया गया। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अंसारी के आवास पर रात से ही लोग जुटने शुरू हो गए थे।

मुख्तार के बड़े बेटे एवं विधायक अब्‍बास अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो सके। अब्‍बास अंसारी आपराधिक मामलों में कासगंज की जेल में निरुद्ध है।

भाषा आनन्द सं खारी

पवनेश

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