Ayushman Bhava Programme : पीएम मोदी के जन्मदिन पर शुरू होगा आयुष्मान भव: कार्यक्रम, यहां जानें इस स्कीम का फायदा
Ayushman Bhava Programme : केंद्र सरकार इस साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आयुष्मान भव: कार्यक्रम शुरू करेगी।
PM Modi coming to Madhya Pradesh on 14th September
नई दिल्ली : Ayushman Bhava Programme : केंद्र सरकार इस साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आयुष्मान भव: कार्यक्रम शुरू करेगी। जिससे अंतिम छोर तक के लोगों और हर लाभार्थी तक सरकार की चलाई जा रही सभी स्वास्थ्य योजनाओं की डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान शिविर लगाए जाएंगे और 60,000 लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड दिए जाएंगे। आने वाले दिनों में हम स्वास्थ्य सेवाओं और कार्यक्रमों की बेहतर पहुंच के लिए इस कार्यक्रम को और अधिक बार चलाएंगे। आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। जो हर लाभार्थी परिवार को सालाना 5 लाख रुपये की हेल्थ कवरेज देती है।
17 सितंबर को हुआ था पीएम मोदी का जन्म
Ayushman Bhava Programme : गौरतलब है कि पीएम मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। जो उत्तरी गुजरात के मेहसाणा जिले का एक छोटा सा शहर है। मंडाविया ने आगे कहा कि पिछले साल आप सबने देखा कि पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हमने ट्यूबरकुलोसिस (TB) के मुद्दे पर जोर दिया था। इससे पहले पीएम मोदी ने कहा था कि दुनिया का टीबी को खत्म करने का लक्ष्य 2030 है लेकिन भारत का लक्ष्य 2025 के अंत तक टीबी को खत्म करना है। पिछले साल लगभग 70,000 लोग नि-क्षय मित्र बने और टीबी रोगियों को अपनाया, जो अब बढ़कर एक लाख हो गया है।
टीबी मुक्त भारत बनाने की पहल जारी
Ayushman Bhava Programme : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इन टीबी रोगियों को गैर सरकारी संगठनों, निजी तौर पर लोगों, राजनीतिक दलों और कॉर्पोरेट ने अपनाया है। इनको हर महीने पोषक तत्व किट दी जा रही है और टीबी मरीजों को हर संभव सहायता दी जा रही है। हमें भरोसा है कि ‘लोकभागीदारी’ की मदद से देश से टीबी को खत्म किया जाएगा। इससे पहले 2022 में बीजेपी ने देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए एक साल का कार्यक्रम चलाया था। जिसके तहत हर कोई एक टीबी मरीज को गोद लेगा और एक साल तक उसकी देखभाल करेगा। 2025 तक टीबी मुक्त भारत के पीएम मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए एक टीबी रोगी को एक साल के लिए गोद लेने की योजना तैयार की गई है।

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