दयालु होना, क्षमा करना हमारी संस्कृति का हिस्सा : संवत्सरी पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा |

दयालु होना, क्षमा करना हमारी संस्कृति का हिस्सा : संवत्सरी पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा

दयालु होना, क्षमा करना हमारी संस्कृति का हिस्सा : संवत्सरी पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : September 10, 2021/10:23 pm IST

नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) संवत्सरी पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दयालु होना, क्षमा करना और एक-दूसरे के खिलाफ दुर्भावना नहीं रखना हमारी संस्कृति का हिस्सा है।

क्षमा, अहिंसा और मैत्री का पर्व संवत्सरी जैन धर्म से संबद्ध है। इस पर्व पर समुदाय के लोग जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए एक-दूसरे से क्षमा मांगते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘क्षमा करना बड़े दिल के महत्व को दर्शाता है। दयालु होना और साथ ही माफ कर देना तथा एक-दूसरे के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं रखना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। मिच्छामी दुक्कड़म।’’

प्रधानमंत्री ने इस ट्वीट के साथ आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की एक कड़ी का छोटा हिस्सा भी साझा किया, जिसमें उन्होंने संवत्सरी के बारे में अपने विचार व्यक्त किये थे।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र सुभाष

सुभाष

 

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