नगांव में धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है भाजपा : कांग्रेस उम्मीदवार प्रद्युत बोरदोलोई |

नगांव में धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है भाजपा : कांग्रेस उम्मीदवार प्रद्युत बोरदोलोई

नगांव में धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है भाजपा : कांग्रेस उम्मीदवार प्रद्युत बोरदोलोई

:   Modified Date:  April 24, 2024 / 02:01 PM IST, Published Date : April 24, 2024/2:01 pm IST

(त्रिदीप लहकार)

नगांव, 24 अप्रैल (भाषा) असम की नगांव लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रद्युत बोरदोलोई ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नगांव में धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है। पिछले साल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा परिसीमन किये जाने के बाद नगांव एक मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्र बन गया है।

परिसीमन के बाद नगांव निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 18.2 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 10.5 लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं।

उन्होंने उम्मीद जतायी कि जैसे हर दवा की एक मियाद होती है, ठीक उसी प्रकार यह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण भी समाप्त होने जा रहा है और जनता का विमर्श एक नया मोड़ लेगा।

बोरदोलोई ने कहा, ”1826 के बाद जब अंग्रेज असम में आए तो उन्हें विभिन्न जातीय समूहों के विरोध का सामना करना पड़ा। उस समय अंग्रेजों ने एक नीति अपनाई और यहां अफीम की खेती शुरू की। अफीम और मादक पदार्थों की शुरुआत होने के कुछ वक्त बाद विरोध कम हो गया।”

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”असम और देश में भाजपा ने हमारे लिए एक अलग तरह की अफीम का प्रचार व प्रसार किया है और यह अफीम है धार्मिक ध्रुवीकरण। जब आप लोगों को अतार्किक और भ्रमित करते हैं तो उनकी रोजाना की जिंदगी से जुड़े मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। ये है असल मुद्दा।”

यह पूछने पर कि क्या नगांव के मुस्लिम बहुल सीट बनने से उन्हें मदद मिलेगी, बोरदोलोई ने कहा कि हिंदू बहुल आबादी होने के बावजूद कांग्रेस 35 साल बाद 2019 में इस सीट को जीतने में कामयाब रही थी।

उन्होंने दावा किया ”बहुसंख्यक हिंदुओं ने मुझे वोट दिया और मैं जीत सका। असल बात यह है कि मुझे सभी वर्गों ने स्वीकारा और यह मेरा सौभाग्य है। मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र के सभी समुदायों का विश्वास प्राप्त है। मैं सांप्रदायिक राजनीति नहीं करता, मेरी राजनीति का केंद्र मुस्लिम या हिंदू नहीं है। मुझे उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा नहीं करना है।”

प्रचार के दौरान उठाये जाने वाले मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर बोरदोलोई ने कहा कि बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और नगांव निर्वाचन क्षेत्र में हर घर में एक युवा बेरोजगार बैठा है लेकिन सरकार इस समस्या के समाधान के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है।

एक समय कांग्रेस के विश्वासपात्र रहे सुरेश बोरा, जो फिलहाल भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं, के बारे में पूछे जाने पर बोरदोलोई ने उन्हें एक ‘अप्रासंगिक’ व्यक्ति करार दिया।

बोरा, नगांव लोकसभा क्षेत्र की बरहामपुर विधानसभा सीट से तीन बार कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं और तीनों ही चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

बोरदोलोई ने कहा, ”उनकी तरह मेरे कोई पोशीदा राज़ नहीं हैं। अगर वह मुझे जानते हैं तो मैं बेहद साफ व्यक्ति हूं। उनका अतीत देखिये, एक एक कर उनके सारे राज़ फाश हो रहे हैं। वह एक खूंखार उग्रवादी थे और एके-47 या एके-56 जैसे हथियार उठाकर जो कुछ उन्होंने किया, लोग अब उसके बारे में बात कर रहे हैं।”

बोरा, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के सदस्य थे, जो बाद में आत्मसमर्पण कर कांग्रेस में शामिल हो गये थे लेकिन करीब तीन महीने पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।

लोकसभा चुनाव 2019 में बोरदोलोई ने भाजपा के रूपक शर्मा को 16,752 मतों से हराकर जीत हासिल की थी। नगांव में दूसरे चरण के अंतर्गत 26 अप्रैल को मतदान होना है।

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)