नौसेना के चार पर्वतारोहियों के शव जोशीमठ लाए गए, एक पर्वतारोही सहित दो अन्य की तलाश जारी |

नौसेना के चार पर्वतारोहियों के शव जोशीमठ लाए गए, एक पर्वतारोही सहित दो अन्य की तलाश जारी

नौसेना के चार पर्वतारोहियों के शव जोशीमठ लाए गए, एक पर्वतारोही सहित दो अन्य की तलाश जारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : October 3, 2021/4:46 pm IST

गोपेश्वर/उत्तरकाशी, तीन अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित त्रिशूल चोटी के आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आकर जान गंवाने वाले भारतीय नौसेना के चार पर्वतारोहियों के शव ​रविवार को चमोली जिले के जोशीमठ लाए गए।

हालांकि, शुक्रवार को चमोली जिले की सीमा पर स्थित 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी पर पहुंचने से ठीक पहले हुए हादसे में लापता नौसेना के एक पर्वतारोही और एक पोर्टर की तलाश अभी भी जारी है।

सेना के बचाव दल ने टि्वटर पर बताया कि त्रिशूल पर्वत शिखर से रविवार सुबह हेलीकॉप्टरों की मदद से चारों शवों को जोशीमठ लाया गया।

लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और एमसीपीओ हरिओम के शव जोशीमठ में सेना के शिविर में रखे गए हैं।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार सुबह त्रिशूल चोटी पर आरोहण के दौरान क्षेत्र में हिमस्खलन होने से एक पोर्टर और नौसेना के पांच पर्वतारोही लापता हो गए थे।

अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को खराब मौसम के कारण तलाश और बचाव अभियान नहीं चल पाया लेकिन शनिवार को घटनास्थल पर खोज के दौरान चार शव दिखे जिन्हें रविवार को वहां से निकाला गया।

तलाश और बचाव कार्य में लगे उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि नौसेना चमोली के जिला प्रशासन से समन्वय कर जोशीमठ में ही पर्वतारोहियों का पोस्टमॉर्टम करवाएगी जिसके बाद नौसेना के पर्वतारोहियों के शव पैतृक स्थल भेजे जाएंगे।

अधिकारियों के अनुसार, करीब एक पखवाडे़ पहले, मुंबई से नौसेना का 20 सदस्यीय दल त्रिशूल चोटी के आरोहण के लिए निकला था। शुक्रवार सुबह पांच बजे दल के पांच सदस्य और एक पोर्टर हिमस्खलन की चपेट में आ गए। इस पर बाकी सदस्य अभियान रोककर शिविर में लौट आए।

इसके बाद से ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास), वायुसेना, थलसेना और एसडीआरएफ संयुक्त रूप से तलाश और बचाव अभियान में जुटे हैं।

माउंट त्रिशूल तीन चोटियों का समूह है और इसका आकार भगवान शिव के त्रिशूल जैसा होने के कारण इसे ‘त्रिशूल’ नाम दिया गया है ।

भाषा सं दीप्ति

दीप्ति नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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