सीबीआई को संयुक्त निदेशक नवल बजाज को मूल महाराष्ट्र कैडर में वापस भेजने की अनुमति |

सीबीआई को संयुक्त निदेशक नवल बजाज को मूल महाराष्ट्र कैडर में वापस भेजने की अनुमति

सीबीआई को संयुक्त निदेशक नवल बजाज को मूल महाराष्ट्र कैडर में वापस भेजने की अनुमति

:   Modified Date:  May 8, 2024 / 09:08 PM IST, Published Date : May 8, 2024/9:08 pm IST

नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को कोयला घोटाला मामलों की जांच देख रहे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक नवल बजाज को उनके मूल महाराष्ट्र कैडर में वापस भेजने की अनुमति दे दी।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता एवं विशेष लोक अभियोजक आर. एस. चीमा की दलीलों पर ध्यान दिया कि अधिकारी को उसके मूल कैडर में वापस भेजा जाना चाहिए।

चीमा ने कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी घनश्याम उपाध्याय जांच एजेंसी के संयुक्त निदेशक के रूप में बजाज का स्थान लेंगे।

शीर्ष अदालत ने सीबीआई का अनुरोध स्वीकार करते हुए अधिकारी को कार्यमुक्त करने की अनुमति दे दी, ताकि वह अपने मूल कैडर में जा सकें।

न्यायालय ने केंद्रीय जांच एजेंसी को उस लंबित अर्जी पर निर्णय लेने की भी अनुमति दी, जिसमें सीबीआई अधिकारी हिमांशु बहुगुणा की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की मांग की गई थी। न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लिया कि यह अर्जी 14 जुलाई, 2023 से लंबित थी।

शीर्ष अदालत ने 2014 में जनहित याचिकाओं की सुनवाई करने के बाद 1993 से 2010 के बीच केंद्र द्वारा आवंटित 214 कोयला ब्लॉक को रद्द कर दिया था और विशेष सीबीआई न्यायाधीश द्वारा मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।

बाद में 27 नवंबर, 2018 को इसने निर्देश दिया था, ‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि इस न्यायालय की अनुमति के बिना किसी भी पर्यवेक्षण अधिकारी या जांच अधिकारी को स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए या हटाया नहीं जाना चाहिए।’

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 2014 से यहां लंबित सनसनीखेज कोयला घोटाला मामलों की सुनवाई के लिए दो न्यायिक अधिकारियों, अरुण भारद्वाज और संजय बंसल को विशेष न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया था।

दोनों न्यायाधीशों ने विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर का स्थान लिया था, जो 40 से अधिक कोयला घोटाला मामलों की सुनवाई कर रहे थे।

भाषा सुरेश माधव

माधव

 

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