सर्दी-जुकाम, कफ और दर्द की 16 दवाओं के लिए नहीं लेनी पड़ेगी डॉक्टर की सलाह, ओटीसी श्रेणी में रखने की तैयारी

16 common medicines of colds cough and pain: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने औषधि नियम-1945 में संशोधन का सुझाव दिया है, ताकि इन 16 दवाओं को सूची-के. के तहत लाया जा सके। सूची-के. की दवाओं को खरीदने के लिए चिकित्सक के

सर्दी-जुकाम, कफ और दर्द की 16 दवाओं के लिए नहीं लेनी पड़ेगी डॉक्टर की सलाह, ओटीसी श्रेणी में रखने की तैयारी

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: June 7, 2022 4:44 pm IST

16 common medicines of colds cough and pain: नयी दिल्ली,7 जून । केंद्र सरकार की योजना खांसी, सर्दी-जुकाम और दर्द समेत अन्य रोग में इस्तेमाल होने वाली 16 तरह की आम दवाओं मसलन पैरासीटामोल, बंद नाक खोलने की दवा और फंफूदरोधी दवा को ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) वर्ग में शामिल करने की है। ओटीसी वर्ग की दवाओं को गैर पर्चे वाली दवा कहा जाता है और इन्हें चिकित्सक के परामर्श के बगैर खरीदा जा सकता है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने औषधि नियम-1945 में संशोधन का सुझाव दिया है, ताकि इन 16 दवाओं को सूची-के. के तहत लाया जा सके। सूची-के. की दवाओं को खरीदने के लिए चिकित्सक के पर्चे की जरूरत नहीं पड़ती।

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16 common medicines of colds cough and pain: सूची-के. की दवाओं को लाइसेंस धारक खुदरा विक्रेता ओटीसी के तहत इन्हें आसनी से बेच सकते हैं। इस मामले में एक महीने में पक्षकारों के सुझाव आमंत्रित करने के लिए मंत्रालय द्वारा एक गजट अधिसूचना जारी की गई है।

इन 16 दवाओं में पोविडोन आयोडीन (एंटीसेप्टिक और कीटाणुनाशक एजेंट), मसूड़े की सूजन के लिए क्लोरोहेक्साइडिन माउथवॉश, क्लोट्रिमेज़ोल (एंटिफंगल क्रीम), खांसी के लिए डेक्सट्रोमेथोरफान हाइड्रोब्रोमाइड लोजेंगेस, एनाल्जेसिक मरहम डिक्लोफेनाक, बेंजोयल पेरोक्साइड (एक जीवाणुरोधी), डीफेनहाइड्रामाइन कैप्सूल (एंटीहिस्टामिनिक और एंटीएलर्जिक दवा), पैरासिटामोल, बंद नाक खोलने की दवा और जुलाब शामिल हैं।

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प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाने के बाद इन दवाओं को बिना चिकित्सक की पर्ची के दुकानों पर बेचा जा सकेगा। हालांकि कुछ सलाह के साथ इन दवाओं को बेचा जाएगा जैसे कि उपचार की अधिकतम अवधि पांच दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए और यदि समस्या हल नहीं होती है, तो रोगी को चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com