नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि चेहरों की पहचान करने वाली नवीनतम तकनीक के जरिए केंद्र पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है ताकि पारदर्शिता और ‘उपयोग में आसानी’ सुनिश्चित हो सके।
कार्मिक राज्य मंत्री ने कहा कि पेंशनभोगी वेब-आधारित या मोबाइल-आधारित एप्लिकेशन ‘जीवन प्रमाण’ का उपयोग कर डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं।
इस सुविधा के तहत, आधार व्यवस्था का उपयोग करके ‘फेस रिकग्निशन तकनीक’ के जरिए किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित की जाती है और डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) तैयार होता है।
सिंह ने 20 दिनों के राष्ट्रव्यापी अभियान में केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 25 लाख डीएलसी बनाने को लेकर पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की सराहना की।
उन्होंने यहां मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पेंशन विभाग ने श्रीनगर से नागरकोइल (कन्याकुमारी जिला) और गुवाहाटी से अहमदाबाद तक देश भर के विभिन्न शहरों में 1-19 नवंबर तक विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए।
कार्मिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 25 लाख डीएलसी में से 2.2 लाख प्रमाण पत्र ‘चेहरा प्रमाणीकरण’ संबंधी नवीनतम तकनीक का उपयोग कर बनाए गए हैं। बयान के अनुसार इस कदम से वृद्धों और दिव्यांग बुजुर्गों को विशेष तौर पर राहत मिली है।
सिंह ने कहा कि पेंशनभोगियों द्वारा हर साल नवंबर महीने में जीवन प्रमाणपत्र जमा करना एक महत्वपूर्ण गतिविधि है ताकि उनकी पेंशन की निरंतरता सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि इसके लिए पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र भौतिक रूप से जमा करना होता था जिसमें उन्हें परेशानी होती थी।
सिंह ने कहा कि अब तक शामिल किए शहरों में दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, मोहाली, जम्मू, श्रीनगर, नागपुर, पुणे, इलाहाबाद, जालंधर, ग्वालियर, त्रिशूर, मदुरै, नागरकोइल, वडोदरा, अहमदाबाद, गुवाहाटी, हैदराबाद, अंबरनाथ (मुंबई), भुवनेश्वर, बालासोर, कटक, तिरुवनंतपुरम और जयपुर भी हैं।
उन्होंने कहा कि अगले दो सप्ताह में पेंशन विभाग देश के विभिन्न हिस्सों में 14 और डीएलसी जागरूकता शिविर आयोजित करेगा।
भाषा अविनाश माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
खबर गोदरेज बंटवारा दो
7 hours ago