मौलिक कर्तव्यों के पालन के लिए कानून की मांग वाली याचिका पर केंद्र, राज्यों से जवाब तलब |

मौलिक कर्तव्यों के पालन के लिए कानून की मांग वाली याचिका पर केंद्र, राज्यों से जवाब तलब

मौलिक कर्तव्यों के पालन के लिए कानून की मांग वाली याचिका पर केंद्र, राज्यों से जवाब तलब

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : February 21, 2022/8:44 pm IST

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने संविधान में प्रदत्त मौलिक कर्तव्यों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सुपरिभाषित कानून/नियम बनाने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार और राज्यों से सोमवार को जवाब तलब किया।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने शीर्ष अदालत के वकील दुर्गा दत्त की याचिका पर नोटिस जारी किये।

याचिका में कहा गया है संविधान के भाग IV-ए के तहत निर्धारित जनादेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी करने की मांग की गई है और कहा गया है कि उनका पालन न करने का सीधा असर अनुच्छेद 14, 19, 21 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों के इस्तेमाल और उससे मिलने वाली खुशी पर पड़ता है।

अधिवक्ता करुणाकर महलिक के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि मौलिक कर्तव्यों का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को निरंतर यह याद दिलाते रहना है कि संविधान ने यदि उन्हें कुछ मौलिक अधिकार दिये हैं, तो नागरिकों को भी लोकतांत्रिक आचरण और व्यवहार के कुछ बुनियादी मानदंडों का पालन करने की भी आवश्यकता होती है, क्योंकि अधिकार और कर्तव्य परस्पर संबंधित होते हैं।

दत्त ने कहा कि उनकी याचिका का उद्देश्य राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर विचार करना और नागरिकों के बीच पारस्पर एवं राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ावा देना है, क्योंकि इससे राष्ट्र के विकास और प्रगति में मदद मिलती है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता इस (मामले में) अदालत से अपने अधिकार क्षेत्र के इस्तेमाल का आग्रह करने को विवश है, क्योंकि मौजूदा कानून मौलिक कर्तव्यों के प्रदर्शन को सुनिश्चित करने के लिए अपर्याप्त हैं।’’

याचिका में आगे कहा गया है कि कुछ बिखरे हुए कानूनों को छोड़कर, मौलिक कर्तव्यों को लागू करने के लिए न तो एक समान नीति है और न ही एक व्यापक संहिता।

याचिका में सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश या इस अदालत या उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों/पेशों के प्रतिष्ठित नागरिकों और हितधारकों एवं प्रतिवादियों के संबंधित अधिकारी शामिल हों।

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)