भाजपा कच्चातिवु मुद्दे का राजनीतिक हथकंडा के रूप में इस्तेमाल कर रही: चिदंबरम |

भाजपा कच्चातिवु मुद्दे का राजनीतिक हथकंडा के रूप में इस्तेमाल कर रही: चिदंबरम

भाजपा कच्चातिवु मुद्दे का राजनीतिक हथकंडा के रूप में इस्तेमाल कर रही: चिदंबरम

:   Modified Date:  April 6, 2024 / 08:42 PM IST, Published Date : April 6, 2024/8:42 pm IST

चेन्नई, छह अप्रैल (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि आम चुनावों में कच्चातिवु मुद्दे को एक राजनीतिक हथकंडा के रूप में इस्तेमाल करने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कोशिश काम नहीं करेगी और चुनाव में पार्टी की हार होगी।

उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए 50 साल पहले हल किए जा चुके कच्चातिवु द्वीप मुद्दे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया कि केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर अगर कच्चातिवु या तमिलों के बारे में इतने चिंतित हैं तो वे तमिलनाडु से चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे और इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया।

चिदंबरम ने सवाल किया, ‘‘अगर निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर दावा करते हैं कि वे तमिल हैं, तो उन्हें (भाजपा नेताओं) तमिलिसाई सुंदरराजन, एल मुरुगन और के अन्नामलाई की तरह तमिलनाडु से चुनाव लड़ना चाहिए और चुनाव के दौरान कच्चातिवु मुद्दा उठाना चाहिए। वे यहां से चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे? वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की के पीछे क्यों छिप रहे हैं?’’

चिदंबरम ने यहां पत्रकारों से बातचीत में सरकार से इस विषय पर बयान देते समय सावधानी बरतने को कहा क्योंकि इससे श्रीलंका में रहने वाले 25 लाख श्रीलंकाई तमिलों और 10 लाख भारतीय तमिलों सहित 35 लाख तमिलों को बहुत नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के बयानों से केवल श्रीलंका सरकार और वहां रहने वाले तमिलों के बीच टकराव बढ़ेगा।

चिदंबरम ने विदेश मंत्रालय द्वारा 2015 में सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दिए गए जवाब का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि आरटीआई जवाब में उल्लेख किया गया था कि ‘‘कच्चतिवु द्वीप न तो कब्जा किया गया था और न ही सौंपा गया था और यह भारत-श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के श्रीलंकाई हिस्से में स्थित है।’’

उन्होंने कहा कि 2015 में जब आरटीआई का जवाब दिया गया था तब नरेन्द्र मोदी ही प्रधानमंत्री थे। चिदंबरम ने कहा कि ‘‘बंद मामले को फिर से नहीं खोला जाना चाहिए।’’

चिदंबरम ने कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो पार्टी एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाएगी और अपने चुनाव घोषणापत्र ‘न्याय पत्र’ को लागू करेगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ‘‘बुलडोजर न्याय’’ में विश्वास नहीं करती है, बल्कि संघवाद में विश्वास करती है, जिसका केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार विरोध करती है।

उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि उसने राजस्व इकट्ठा करने के लिए राज्यों का कद घटाकर सामंती व्यवस्था के तहत ‘पलायक्कर’ (छोटे क्षेत्र) जैसा कर दिया है।

चिदंबरम ने कहा, ‘‘भाजपा सहकारी संघवाद पर किसी भी बात पर सहमत नहीं होती क्योंकि वह इसका विरोध करती है। भाजपा राज्यों को ‘पलायक्कर’ में बदलने की आरएसएस की शिक्षा का पालन कर रही है। वे केवल एक सरकार और एक चुनाव चाहते हैं और ब्रिटिश शासन की तरह राज्यों से केवल कर वसूली करना चाहते हैं।’’

भाषा आशीष माधव

माधव

 

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