पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पित्रोदा के बयान की निंदा की |

पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पित्रोदा के बयान की निंदा की

पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पित्रोदा के बयान की निंदा की

:   Modified Date:  May 8, 2024 / 10:14 PM IST, Published Date : May 8, 2024/10:14 pm IST

इंफाल/शिलांग/गुवाहाटी, आठ मई (भाषा) पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की उस टिप्पणी को ‘‘नस्लवादी और विभाजनकारी’’ बताते हुए निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘पूर्व के लोग चीनियों की तरह दिखते हैं।’’

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि टिप्पणी से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।

शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के लोगों के इतने गंभीर अपमान के बाद (कांग्रेस नेता) जयराम रमेश ने क्या ट्वीट किया है? उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे इसका समर्थन नहीं करते हैं। लेकिन अगले कदम के बारे में क्या? आप उन्हें बाहर क्यों नहीं निकाल रहे हैं? वह किस हैसियत से बोल रहे थे?’’

बाद में पित्रोदा ने ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।

शर्मा ने कहा, ‘‘कांग्रेस सैम पित्रोदा को पार्टी से क्यों नहीं निकाल रही है? टीम राहुल पूर्वोत्तर भारत को देश से जोड़ने के 10 साल के काम को बर्बाद करना चाहती है।’’

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वह पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ पित्रोदा की ‘‘नस्लीय टिप्पणी’’ की निंदा करते हैं।

बीरेन सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस ने हमेशा अपनी फूट डालो और राज करो की नीति से भारत को विभाजित करने की कोशिश की। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि पूर्वोत्तर भारत का हिस्सा रहा है और हमेशा रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि भारत की विविधता का ऐसा ‘‘उपहास’’ बेहद अस्वीकार्य है। बीरेन सिंह ने कहा कि कांग्रेस और पित्रोदा को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा कि पित्रोदा की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे पूर्वोत्तर और देश के अन्य हिस्सों के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।

नेशनल पीपुल्स पार्टी के सुप्रीमो संगमा ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर से होने के नाते, हमने पिछले दशकों में पूर्वोत्तर लोगों के खिलाफ विभिन्न प्रकार के नस्लीय भेदभाव को देखा और अनुभव किया है। हमें लगता था कि अब हम इससे आगे बढ़ चुके हैं।’’

संगमा ने कहा कि हो सकता है कि पित्रोदा ने यह बात किसी अन्य संदर्भ में कही हो, लेकिन ‘‘इस तरह की टिप्पणियां लोगों को पसंद नहीं आतीं।’’

पित्रोदा की भारत के ‘‘पूर्वी हिस्से के लोग चीनी और दक्षिण के लोग अफ्रीकी जैसे दिखते हैं’’ वाली टिप्पणी से विवाद शुरू हो गया।

भाषा आशीष माधव

माधव

 

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