हरियाणा में भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस, जजपा ने राज्यपाल से किया संपर्क |

हरियाणा में भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस, जजपा ने राज्यपाल से किया संपर्क

हरियाणा में भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस, जजपा ने राज्यपाल से किया संपर्क

:   Modified Date:  May 9, 2024 / 09:11 PM IST, Published Date : May 9, 2024/9:11 pm IST

चंडीगढ़, नौ मई (भाषा) हरियाणा में कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के राज्य विधानसभा में अल्पमत में आने के बाद उसे सत्ता से बेदखल करने के अपने प्रयास तेज करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से संपर्क किया है।

कांग्रेस की हरियाणा इकाई ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल कार्यालय को एक पत्र भेजकर उनसे मिलने और राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर एक ज्ञापन सौंपने के लिए शुक्रवार का समय मांगा।

जजपा के नेता दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के पास अब बहुमत नहीं है जिसके मद्देनजर तत्काल शक्ति परीक्षण कराया जाना चाहिए।

तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया और घोषणा की कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे। सरकार के पास 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बहुमत से दो विधायक कम है। सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

हरियाणा की विधानसभा में वर्तमान में 88 विधायक हैं। दो सीट-करनाल और रानिया खाली हैं। भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं। इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। छह निर्दलीय सदस्य हैं।

कांग्रेस ने पत्र में कहा है कि पार्टी के विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद और मुख्य सचेतक बी बी बत्रा एवं पार्टी के अन्य नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल 10 मई को राज्यपाल से मिलना चाहता है।

हालांकि, मुख्यमंत्री सैनी ने कहा है कि उनकी सरकार संकट में नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ‘‘अल्पमत’’ वाली सरकार को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

जजपा द्वारा राज्यपाल को पत्र लिखने को लेकर किए गए सवाल पर नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने कहा, ‘‘हमने भी राज्यपाल से समय मांगा है।’’

हुड्डा कांग्रेस के उम्मीदवार राव दान सिंह के लिए भिवानी में प्रचार कर रहे थे।

एक अन्य सवाल पर हुड्डा ने कहा, ‘‘हमारे पास 30 विधायक हैं, …जजपा के संबंध में, यह बेहतर होता कि वे राज्यपाल के सामने 10 विधायकों की परेड कराते।’’

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘हमारे विधायकों को लेकर कोई संशय नहीं है। उनके (जजपा के) कुछ विधायक किसी और का समर्थन कर रहे हैं…उन्हें अपने 10 विधायकों के साथ राज्यपाल के पास जाने दीजिए।’’

तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद हुड्डा ने कहा कि सैनी सरकार अल्पमत में है। उन्होंने कहा, ‘‘नैतिक आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए… हम राज्य में दोबारा चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।’’

भाजपा और जजपा का गठबंधन मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद टूट गया था। भाजपा-जजपा पर निशाना साधते हुए हुड्डा ने कहा, ‘‘उन्होंने गठबंधन तोड़ने के लिए समझौता किया। लोग इसे समझते हैं।’’

उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि (लोकसभा चुनाव में) कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है, अन्य ‘वोटकाटू’ पार्टियां हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जब उन्होंने (जजपा ने) 2019 में (भाजपा के साथ) चुनाव बाद गठबंधन किया था, तब भी मैंने कहा था कि यह किसी नीति पर नहीं, बल्कि स्वार्थ पर आधारित है।’’

जजपा नेता दुष्‍यंत चौटाला ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस को सोचना होगा कि क्या वे भाजपा की अल्पमत सरकार को गिराने के लिए कदम उठाएंगे। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, हुड्डा ने बुधवार को कहा, ‘‘उन्हें राज्यपाल को लिखना चाहिए (कि सरकार अल्पमत में है)।’’

जजपा ने तीन निर्दलीय विधायकों के हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लेने के एक दिन बाद बुधवार को कहा था कि अगर कांग्रेस राज्य में भाजपा सरकार को गिराने का प्रयास करती है तो वह उसकी मदद करने के लिए तैयार है।

बहरहाल, भाजपा नीत सरकार फिलहाल सुरक्षित नजर आ रही है। प्रचलित परिपाटी के अनुसार, किसी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पिछले प्रस्ताव के छह महीने के भीतर नहीं लाया जा सकता। इस मामले में हरियाणा की भाजपा नीत सरकार को फरवरी में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था।

हरियाणा में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

भाषा आशीष धीरज

धीरज

 

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