कांग्रेस को कोलार सीट के लिए समझौते का ‘फार्मूला’ तलाशना चाहिए था: कर्नाटक के मंत्री |

कांग्रेस को कोलार सीट के लिए समझौते का ‘फार्मूला’ तलाशना चाहिए था: कर्नाटक के मंत्री

कांग्रेस को कोलार सीट के लिए समझौते का ‘फार्मूला’ तलाशना चाहिए था: कर्नाटक के मंत्री

:   Modified Date:  March 31, 2024 / 08:57 PM IST, Published Date : March 31, 2024/8:57 pm IST

बेंगलुरु, 31 मार्च (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. एच. मुनियप्पा ने रविवार को कहा कि पार्टी को समझौते का फार्मूला तलाश कर लोकसभा चुनाव में कोलार सीट से एक स्थानीय उम्मीदवार उतारना चाहिए था।

कोलार से अपने दामाद को टिकट नहीं मिलने से नाखुश मुनियप्पा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डी.के. शिवकुमार नीत दोनों गुट अपने मतभेदों को दूर नहीं कर सके तथा एक ‘‘तीसरे व्यक्ति’’ का उम्मीदवार के रूप में चयन किया गया।

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री मुनियप्पा ने कहा, ‘‘आलाकमान ने टिकट दिया था…उन्होंने चिक्का पेदन्ना (उनके दामाद) के पक्ष में फैसला किया, लेकिन हमारे (कोलार इकाई) के बीच कुछ मतभेदों के कारण, उन्होंने मुख्यमंत्री और (कांग्रेस के) प्रदेश प्रमुख पर फैसला छोड़ दिया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे मुद्दे का हल नहीं कर सके और उम्मीदवार के तौर पर एक तीसरे व्यक्ति का चयन किया।’’

उन्होंने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में दावा किया कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में इस तरह के मतभेद हैं और नेतृत्व ने उनका समाधान करने की कोशिशें कीं, लेकिन कोलार में नहीं किया जा सका।

मुनियप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने (चिक्का पेदन्ना) को एक अवसर दिलाने के लिए उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। के. सी. वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला (कांग्रेस महासचिव) ने मुझसे संपर्क किया…लेकिन, कोई भी व्यक्ति मतभेदों को दूर नहीं कर सका।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अभी किसी पर आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि चुनाव होने हैं।’’

कांग्रेस ने शनिवार को इस सीट से एक तटस्थ उम्मीदवार के. वी. गौतम को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर कोलार कांग्रेस के दोनों गुटों–मुनियप्पा नीत एक गुट और दूसरा पूर्व स्पीकर रमेश कुमार नीत–को स्पष्ट संदेश दे दिया।

गौतम, बेंगलुरु मध्य जिला कांग्रेस कमेटी के प्रमुख एवं पूर्व महापौर के. सी. विजयकुमार के बेटे हैं। गौतम अनुसूचित जाति (वाम) समुदाय से हैं।

अपने दामाद को टिकट नहीं मिलने से नाखुश मुनियप्पा ने कहा कि नेतृत्व समझौते का एक फार्मूला तलाश कर सकता था। मुनियप्पा ने सात बार कोलार लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें उम्मीदवार के रूप में एक स्थानीय व्यक्ति का चयन करना चाहिए था और दोनों गुटों को पार्टी के फैसले का पालन करने के लिए कहना चाहिए था।’’

कांग्रेस के पांच विधायकों ने कोलार लोकसभा सीट से टिकट मुनियप्पा के दामाद को नहीं दिये जाने की स्थिति में चार दिन पहले इस्तीफे की धमकी दी थी, क्योंकि वे अनुसूचित जाति (दक्षिणपंथ) से किसी को उम्मीदवार बनाया जाना चाहते थे। इन विधायकों में मंत्री भी शामिल हैं।

पेदन्ना अनुसूचित जाति (वाम) से ताल्लुक रखते हैं।

इस बीच, शिवकुमार ने आज कहा कि पार्टी की कोलार इकाई में असंतोष दूर हो गया है और मुनियप्पा, रमेश कुमार सहित जिले के सभी विधायकों ने पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)