न्यायाधीश पर निजी हमला करने वाले वकील के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की |

न्यायाधीश पर निजी हमला करने वाले वकील के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की

न्यायाधीश पर निजी हमला करने वाले वकील के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की

:   Modified Date:  May 16, 2024 / 10:00 PM IST, Published Date : May 16, 2024/10:00 pm IST

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा)दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में ‘हाइब्रिड’ सुनवाई के लिए इस्तेमाल किए जा रहे ऑनलाइन मंच के चैट बॉक्स में न्यायाधीशों पर ‘व्यक्तिगत हमला’ करने और अपमानजनक टिप्पणियां पोस्ट करने के मामले में एक वकील के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू की।

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि वकील द्वारा कई न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए लापरवाह आरोपों के साथ-साथ सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध चैट बॉक्स में की गई टिप्पणियां हैं और अगर इसपर सख्ती से अंकुश नहीं लगाया गया तो इससे ‘गंभीर असर और अनिष्ट की आशंका’ है।

अदालत ने कहा कि आरोप और ‘‘असंयमित’’ भाषा का उपयोग जानबूझकर किया गया और इसका उद्देश्य न्यायिक कार्यवाही को ‘बदनाम’ करना था, जो अवमानना ​​के बराबर है।

अदालत ने 15 मई को पारित आदेश में कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता (वकील) ने जिला न्यायालयों के साथ-साथ इस न्यायालय के न्यायिक अधिकारियों द्वारा पारित प्रतिकूल आदेशों से व्यथित होकर, कानून के विपरीत दिशा में रुख किया है। उसे न्यायाधीशों पर व्यक्तिगत हमला करने की लक्ष्मण रेखा पार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जो संस्थान की पवित्रता को कमजोर करता है।’’

अदालत ने पहले वकील को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जो अदालत द्वारा कथित तौर पर उनके व्यक्तिगत मामले की सुनवाई नहीं करने से व्यथित थे। अदालत ने उनसे यह बताने के लिए कहा था कि अवमानना ​​के लिए नोटिस क्यों जारी नहीं किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए।

अदालत ने हालिया आदेश में टिप्पणी की कि वकील का जवाब ‘‘फिर से घोर अवमाननापूर्ण’’ है और जिसमें शायद ही कोई प्रासंगिक स्पष्टीकरण है।

आदेश में कहा गया, ‘‘ इन तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया जाता है कि वह मामले को ‘आपराधिक अवमानना’ से निपटने की संबंधित माननीय खंडपीठ को संदर्भित करने के लिए माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के समक्ष न्यायिक कार्यवाही के रिकॉर्ड पेश करें।’’

अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को 17.05.2024 को संबंधित माननीय रोस्टर खंडपीठ के समक्ष उपस्थित होने का भी निर्देश दिया जाता है।’’

भाषा धीरज माधव

माधव

 

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