जीएनसीटीडी (संशोधन) कानून के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुआ न्यायालय |

जीएनसीटीडी (संशोधन) कानून के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुआ न्यायालय

जीएनसीटीडी (संशोधन) कानून के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुआ न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : September 13, 2021/12:08 pm IST

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय सोमवार को दिल्ली सरकार की उस याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया, जिसमें नए कानून को चुनौती दी गई है जो राष्ट्रीय राजधानी के उपराज्यपाल को कथित तौर पर अधिक शक्ति देता है।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। जिस पर प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायामूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।’’

सिंघवी ने कहा, ‘‘यह कानून (राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम 2021) उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के फैसले का विरोधाभासी और संविधान के अनुच्छेद 239एए (जो दिल्ली के दर्जे से संबंधित है) उसके भी खिलाफ है।’’

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को अतिरिक्त शक्ति देने से शासन करना कठिन हो गया है। उन्होंने मांग की कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की याचिका को सूचीबद्ध किया जाए क्योंकि 19 अगस्त को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री इसकी मंजूरी दे चुकी है।

राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम या जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम 2021 लोकसभा से 22 मार्च को और राज्यसभा से 24 मार्च को पारित हुआ था और उसके बाद प्रभाव में आ गया था। इस संशोधन से दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम, 1991 के चार प्रावधान बदले गए।

याचिका में आरोप लगाया गया कि संशोधित कानून में निर्वाचित सरकार के बजाए उप राज्यपाल को अधिक शक्तियां दी गईं।

भाषा

मानसी शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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