न्यायालय ने राजकोट में कोविड-19 के लिये नामित अस्पताल में अग्निकांड की घटना का लिया संज्ञान | Court takes cognizance of fire incident at designated hospital for Covid-19 in Rajkot

न्यायालय ने राजकोट में कोविड-19 के लिये नामित अस्पताल में अग्निकांड की घटना का लिया संज्ञान

न्यायालय ने राजकोट में कोविड-19 के लिये नामित अस्पताल में अग्निकांड की घटना का लिया संज्ञान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : November 27, 2020/1:36 pm IST

नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राजकोट में कोविड-19 अस्पताल में बृहस्पतिवार को आग लगने की घटना पर संज्ञान लिया और इस मामले में गुजरात सरकार से रिपोर्ट मांगी। इस घटना में पांच मरीजों की मौत हो गई है। न्यायालय ने बार बार इस तरह की घटनायें होने के बावजूद इन्हें कम करने के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर राज्यों की तीखी आलोचना की।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण,न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने इस घटना को हतप्रभ करने वाला बताते हुये कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है और यह नामित सरकारी अस्पतालों की स्थिति को दर्शाता है क्योंकि इसी तरह की घटनायें दूसरे स्थानों पर भी हो चुकी हैं।

पीठ ने कहा कि यह घटना इस बात का प्रतीक है कि ऐसी स्थिति से निबटने के लिये अग्नि सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम इसका स्वत: संज्ञान ले रहे हैं। यह बहुत ही गंभीर बात है।’’ इसके साथ ही पीठ ने गुजरात सरकार को इस घटना के बारे में एक दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘ये हतप्रभ करने वाली है और यह पहली घटना नहीं है। आपके पास इसकी निगरानी के लिये कितने अग्निशमन अधिकारी हैं? आपके यहां सुरक्षा प्रबंध ही नही हैं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘इन घटनाओं की एक राज्य से दूसरे राज्य और एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में पुनरावृत्ति हो रही है। इस संबंध में राज्यों ने कोई ठोस कार्य योजना बनायी ही नहीं है।’’

गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि राजकोट जिले में निर्दिष्ट कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से संक्रमण के इलाज के लिए भर्ती पांच मरीजों की मौत हो गई जबकि इसमें उपचार के लिए भर्ती 26 अन्य मरीजों को सुरक्षित निकाल कर अन्य जगह स्थानांतरित किया गया है।

पटेल ने बताया कि आनंद बंगला चौक इलाके में स्थित चार मंजिला उदय शिवानंद अस्पताल की पहली मंजिल पर स्थित आईसीयू में रात में करीब साढ़े बारह बजे आग लगी थी। इस अग्निकांड के समय इसमें करीब 31 मरीज भर्ती थे।

वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सुनवाई के दौरान सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह गंभीर मामला है और राज्य सरकार को इस पर अपनी रिपोर्ट पेश करनी चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘सरकारी अस्पतालों में आईसीयू की यह हालत है। गुजरात और राजकोट की नहीं बल्कि पूरे देश में यही हालत है।’’

मेहता ने पीठ को आश्वस्त किया कि केन्द्रीय गृह सचिव शनिवार तक बैठक आयोजित करेंगे और देश भर के सरकारी अस्पतालों के लिए अग्नि सुरक्षा निर्देश जारी करेंगे।

पीठ ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि बिजली की लाइनें दुरूस्त हैं और क्या केबल ओर तार ठीक है। यह शार्ट सर्किट कैसे होता है।

गुजरात की ओर से एक वकील ने जब यह कहा कि इसी तरह का एक मामला उच्च न्यायालय में लंबित है,इस पर पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय को अग्नि सुरक्षा के बारे में सौंपी गयी रिपोर्ट ठीक नहीं थी।

इस अधिवक्ता ने जब यह कहा कि हम अपना घर ठीक करेंगें तो पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘आपने कुछ नहीं किया है। पिछले दो साल में विभाग (अग्निशमन) में नियुक्तियां तक नहीं हुयी हैं।’’

मेहता ने कहा कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिये बिजली और अग्निशमन विभाग की तत्काल ही संयुक्त बैठक होगी।

शीर्ष अदालत ने अग्नि सुरक्षा प्रबंधों में सुधार पर जोर देते हुये मेहता को इस बारे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

पीठ ने मेहता से कहा, ‘‘आपको इस समस्या की जड़ तक पहुंचना होगा। इसके साथ ही पीठ ने इस मामले को एक दिसंबर के लिये सूचीबद्ध कर दिया।

देश में कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती संख्या और इस बीमारी की वजह से जान गंवाने वाले मरीजों के शवों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार से संबंधित प्रकरण की सुनवाई के दौरान यह मामला उठा।

पीठ ने देश भर में संक्रमण के बढ़ते मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यों को हालात का मुकाबला करना होगा और कोविड-19 महामारी के हालात से निपटने के लिए राजनीति से ऊपर उठना होगा।

पीठ ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए नीतियां, दिशा निर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

मेहता ने पीठ से कहा कि कोविड-19 की मौजूदा लहर पहले से अधिक कठोर प्रतीत हो रही है और वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण के 77 प्रतिशत मामले 10 राज्यों से हैं।

न्यायालय ने 23 नवंबर को कोविड-19 के तेजी से बढ़ रहे मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुये कहा था कि दिल्ली में महामारी के हालात ‘‘बदतर’’ हो गए हैं और गुजरात में स्थिति ‘‘नियंत्रण से बाहर’’ हो गई है। इसके साथ ही पीठ ने केंद्र और राज्यों को कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने और हालात को सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास करने तथा इस स्थिति से निबटने के लिये किये गये उपायों से उसे अवगत कराने का निर्देश दिया था।

भाषा अनूप

अनूप पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers