दलित युवती की मौत का मामला : दिग्विजय ने सागर के कलेक्टर और एसपी को हटाने की मांग की |

दलित युवती की मौत का मामला : दिग्विजय ने सागर के कलेक्टर और एसपी को हटाने की मांग की

दलित युवती की मौत का मामला : दिग्विजय ने सागर के कलेक्टर और एसपी को हटाने की मांग की

:   Modified Date:  May 27, 2024 / 11:21 PM IST, Published Date : May 27, 2024/11:21 pm IST

सागर (मप्र), 27 मई (भाषा)पिछले साल अगस्त में अपने भाई की हत्या का दावा करते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराने वाली दलित युवती अंजना अहिरवार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को मध्य प्रदेश के सागर जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग की।

सिंह, अंजना अहिरवार के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए बरोदिया नैनागिर गांव पहुंचे। अंजना की रविवार को अपने चाचा का शव ले जा रही एम्बुलेंस से गिरने के बाद मौत हो गई।

सिंह ने कहा कि ‘‘प्रशासन ने अंजना को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, क्या दिया? उन्होंने कुछ अन्य वादे भी किए जैसे (आरोपियों के) घर गिरा देना, क्या उन्होंने तोड़ा? …मैं किसी के घर पर बुलडोजर चलाने के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन आप कार्रवाई के नाम पर कई लोगों के घर तोड़ देते हैं।’’

सिंह ने अंजना के शव के पास बैठकर उनके परिवार से बात की और बाद में उसके अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंजना के चाचा राजेंद्र अहिरवार की 25 मई को पुरानी दुश्मनी को लेकर कुछ लोगों ने कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अंजना ने आरोप लगाया था कि उसके भाई नितिन अहिरवार उर्फ लालू की भी पिछले साल अगस्त में कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी और वो लोग उन्हें परेशान करते थे।

अंजना की रविवार को सागर में उसके चाचा का शव ले जा रही एम्बुलेंस से गिरने के मौत हो गई।

सिंह ने इस घटना पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित पूरे जिला प्रशासन को हटाने की मांग की।

महिला के परिवार के सदस्यों ने सिंह को बताया कि उन्हें दी गई सुरक्षा प्रशासन ने हटा ली और यहां तक कि उनके क्षेत्र में लगे कैमरे भी हटा दिये गये हैं। अंजना एक पढ़ी-लिखी महिला थी और परिवार की देखभाल कर रही थी।

सिंह ने कहा, वह आज नहीं है और मैं बहुत निराश हूं।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि वर्तमान घटना से 10 दिन पहले पुलिस सुरक्षा हटा दी गई थी। उन्होंने दावा किया कि उस पर बयान बदलने के लिए काफी दबाव डाला गया।

सिंह ने कहा कि लालू की हत्या के तीन गवाह थे..एक राजेंद्र, दूसरी अंजना और तीसरी उसकी मां। दबाव में नहीं आने पर राजेंद्र की हत्या कर दी गयी और अंजना की मौत हो गयी।

उन्होंने आरोप लगाया कि अंजना ने कुछ दिन पहले बयान बदलने के लिए दबाव बनाए जाने की शिकायत पुलिस से की थी लेकिन पुलिस ने इस पर कार्रवाई नहीं की।

सिंह ने दावा किया कि अंजना ने शुरू में ही कहा था कि घटना में अंकित ठाकुर शामिल है, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि वह एक बाहुबली है और उसे राजनीतिक रूप से आश्रय दिया गया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सिन्हा ने पहले संवाददाताओं को बताया कि खुरई पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत दो समूहों के बीच झड़प में घायल हुए राजेंद्र अहिरवार (24) की मौत हो गई।

अंजना की सागर में पोस्टमार्टम के बाद राजेंद्र अहिरवार का शव गांव ले जा रही एंबुलेंस से गिर कर हो गई। सिन्हा ने कहा, उनके परिवार के सदस्य शव के साथ थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या पुराने मामले में समझौते के दबाव के कारण राजेंद्र अहिरवार की हत्या की गई। सिन्हा ने कहा कि जांच के दौरान सभी तथ्य सामने आ जाएंगे।

पिछले साल अगस्त में सागर जिले में पुरानी दुश्मनी को लेकर लोगों के एक समूह ने नितिन अहिरवार की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उसकी मृत्यु के बाद, अंजना अहिरवार ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई कि उसके भाई की हत्या कर दी गई क्योंकि कुछ लोग उत्पीड़न मामले में समझौते के लिए उन पर दबाव डाल रहे थे।

भाषा सं दिमो

धीरज

धीरज

 

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