डॉक्टरों ने समय पर ऑपरेशन कर कोविड संक्रमित युवक का हाथ बचाया |

डॉक्टरों ने समय पर ऑपरेशन कर कोविड संक्रमित युवक का हाथ बचाया

डॉक्टरों ने समय पर ऑपरेशन कर कोविड संक्रमित युवक का हाथ बचाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : May 9, 2022/9:14 pm IST

नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) शहर के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने बाइक-बस की टक्कर में गंभीर रूप से घायल 19 वर्षीय कोविड रोगी के हाथ का हादसे के दो दिन बाद बेहद जोखिमपूर्ण ऑपरेशन कर उसे काटने से बचा लिया।

द्वारका स्थित आकाश हेल्थकेयर हॉस्पीटल द्वारा दारी एक बयान के मुताबिक राहुल सपकोटा को पांच अप्रैल 2022 को उसका ड्राइविंग लाइसेंस मिलने वाला था लेकिन उससे पहले ही एक बस ने पीछे से उसकी बाइक को टक्कर मार दी।

टक्कर इतनी जोरदार थी कि राहुल अपनी बाइक से नीचे गिर गया और उसका दाहिना हाथ बस के पहिये के नीचे आ गया।

बयान में बताया गया कि दो दिनों के दौरान उसे कई अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन कोई भी उसका ऑपरेशन करने को तैयार नहीं था क्योंकि वह कोविड पीड़ित था। तीसरे दिन, उसे आकाश अस्पताल रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी कोविद-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उसकी जान बचाई।

ऑर्थोपेडिक्स, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट और स्पाइन सर्जरी के प्रमुख और निदेशक डॉ. आशीष चौधरी ने कहा, “ऐसे कोविड संक्रमित रोगियों का आपातकालीन ऑपरेशन करते समय डॉक्टरों को बेहद सावधान रहना चाहिए ताकि संक्रमण इलाज करने वाले डॉक्टर की टीम में न फैले और उन्हें शल्य चिकित्सा की कठिनाइयों के अलावा चिकित्सा स्थिति का भी ध्यान रखना होता है। इस रोगी की देखभाल करते समय हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ी।”

डॉ. चौधरी ने कहा, “राहुल की प्राथमिक देखभाल और मरहम-पट्टी कोविड मरीजों के लिये आरक्षित एक अलग ऑपरेशन थियेटर में की गई। सभी डॉक्टरों और नर्सों ने इस दौरान पीपीई किट पहन रखे थे। मरीज की जान बचाने के लिये ऑपरेशन करने वाले दल के अलावा चिकित्सा दल ने एक इकाई के तौर पर काम किया।”

मरीज को जब आकाश हॉस्पिटल लाया गया तो उसके हाथ का अगला हिस्सा बुरी तरह कुचला हुआ था। अस्पताल ने एक बयान में कहा, “त्वचा, मांसपेशियों और नसों को नुकसान हुआ था। दुर्घटना के समय वह पहले ही एक लीटर से अधिक रक्त खो चुका था, इसलिए उसे खून चढ़ाए जाने की आवश्यकता थी।”

जब ऊतक ठीक होना शुरू हो गए और संक्रमण कम हो गया तब चिकित्सकों के दल ने त्वचा की ‘ग्राफ्टिंग’ की। इस उपचार में रोगी की जांघ से त्वचा की एक पतली परत ली जाती है और घाव वाले हिस्से को इससे ढक दिया जाता है।

उपचार में शामिल डॉ. भारत बाहरे ने कहा, “चूंकि इस मामले में हाथ के एक बाहर के हिस्से में रक्त की आपूर्ति बरकरार थी, हम चोट के दो दिनों के बाद भी हाथ को संभाल और बचा सके, जो एक सामान्य घटना नहीं है।”

बयान में कहा गया कि ऑपरेशन सात अप्रैल को किया गया था। राहुल का हाथ अब काफी हद तक काम कर रहा है और फिलहाल वह नियमित रूप से फिजियोथेरेपी करवा रहा है। इसके मुताबिक उससे भारी वस्तुओं को उठाते समय सावधानी बरतने को कहा गया है।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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