नयी दिल्ली/बेंगलुरु, 23 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निर्वाचन आयोग (ईसी) को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 2023 विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को कथित रूप से रिश्वत देने सहित गैरकानूनी लेन-देन के लिए लगभग 42 करोड़ रुपये की धनराशि ‘‘जुटाने’’ के मामले में कर्नाटक से कांग्रेस विधायक नारा भरत रेड्डी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 66(2) के तहत कर्नाटक लोकायुक्त को भी इस प्रकार का पत्र लिखा है जिसमें बेल्लारी शहर सीट से विधायक रेड्डी के खिलाफ एकत्र किए गए सबूतों पर गौर करने और मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया है।
ईडी ने कथित अवैध खनन और कुछ ‘‘फर्जी’’ भूमि सौदों के आरोपों से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच के तहत 10 फरवरी को कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में रेड्डी एवं उनसे जुड़े कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापेमारी की थी।
प्रवर्तन निदेशालय ने इसके तीन दिन बाद एक बयान जारी करके कहा था कि उसने धनशोधन मामले के सिलसिले में कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कई स्थानों पर छापेमारी के दौरान 31 लाख रुपये की ‘‘बेहिसाब’’ नकदी जब्त की जिससे अवैध भुगतान के लिए बड़ी मात्रा में नकदी जुटाने में रेड्डी, उनके सहायक रत्ना बाबू और अन्य की संलिप्तता स्थापित हुई।
उसने कहा था कि एजेंसी को ‘‘आपत्तिजनक साक्ष्य’’ मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि भरत रेड्डी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कुछ ही महीनों में लगभग 42 करोड़ रुपये नकद जुटाए और इस धन का इस्तेमाल ‘‘गैरकानूनी लेनदेन’’ के लिए किया।
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एजेंसी ने हाल में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा कि 42.07 करोड़ रुपये का एक ‘‘बड़ा हिस्सा’’ मतदाताओं को नकद बांटने और पार्टी टिकट हासिल करने के लिए किए गए कथित भुगतान सहित अन्य चुनाव-संबंधी खर्चों के लिए इस्तेमाल किया गया था।
ईडी ने आयोग के साथ विवरण साझा करते हुए कहा कि छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज ‘‘मतदाताओं को उनके मतों के बदले धन देने के लिए नकद एकत्र किए जाने की विस्तार से जानकारी देते हैं और 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से बनाई गई योजना में नारा भरत रेड्डी की संलिप्तता को दर्शाते हैं।’’
ईडी ने निर्वाचन आयोग से कहा कि 34 वर्षीय विधायक ‘‘निर्वाचन आयोग के सामने चुनाव-संबंधी अपने खर्चों का खुलासा करने में विफल रहे हैं और वह चुनाव के दौरान खर्च किए गए धन के स्रोत का पर्याप्त हिसाब भी नहीं दे पाए।’’
एजेंसी ने निर्वाचन आयोग से विधायक के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करते हुए कहा है कि ये कथित कदम लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का ‘‘उल्लंघन’’ हैं।
ईडी ने कहा कि उसने फरवरी में दोनों राज्यों में कुल 14 परिसरों पर छापेमारी के दौरान नकद लेन-देन के हस्तलिखित रिकॉर्ड बरामद किए, जो 2023 के चुनावों के दौरान रेड्डी और उनके रिश्तेदान राजवर्धन रेड्डी द्वारा किए गए नकद वितरण को दर्शाते हैं।
उसने निर्वाचन आयोग को भेजे अपने पत्र में दावा किया है कि रेड्डी के निजी सहायक ने उनके निर्देशों के अनुसार इन दस्तावेजों का मसौदा तैयार करने की बात ‘‘स्वीकार’’ की है।
भाषा
सिम्मी धीरज
धीरज
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