विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मौजूदा विश्व में ‘सांस्कृतिक पुनर्संतुलन’ के महत्व को रेखांकित किया |

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मौजूदा विश्व में ‘सांस्कृतिक पुनर्संतुलन’ के महत्व को रेखांकित किया

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मौजूदा विश्व में ‘सांस्कृतिक पुनर्संतुलन’ के महत्व को रेखांकित किया

:   Modified Date:  March 31, 2024 / 11:28 PM IST, Published Date : March 31, 2024/11:28 pm IST

(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज की दुनिया में “सांस्कृतिक पुनर्संतुलन” के महत्व को रेखांकित करते हुए रविवार को कहा कि किसी का अपनी विरासत, संस्कृति और आस्था को बढ़ावा देना अंतरराष्ट्रीय संबंधों में उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि पारंपरिक राजनीति में।

उन्होंने यहां पुराना किला में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही, जिसमें सरकार के ‘अडॉप्ट अ हेरिटेज 2.0’ के तहत पांच साल के लिए चार ऐतिहासिक स्मारकों–पुराना किला, हुमायूं का मकबरा, सफदरजंग मकबरा और महरौली पुरातत्व पार्क के लिए गैर सरकारी संगठन सभ्या फाउंडेशन को ‘स्मारक सारथी’ घोषित किया गया।

उन्होंने कहा, “आज लड़ाई संस्कृति के पुनर्संतुलन की है। हम दुनिया की संपूर्ण विविधता को कैसे पहचानें, हम उस युग की विकृतियों को कैसे दूर करें जिसे कुछ देशों और कुछ क्षेत्रों ने विकृत कर दिया था।”

मंत्री ने कहा, “यही कारण है कि आज अपनी विरासत, अपनी संस्कृति, अपनी जीवन शैली, अपनी आस्था, अपने विश्वास को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है और यह मेरे लिए कूटनीति व अंतरराष्ट्रीय संबंधों में उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि पारंपरिक राजनीति में।”

भाषा जोहेब सुभाष

सुभाष

 

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