राष्ट्रीय राजनीति के कारण एकजुट विपक्षी उम्मीदवार खड़ा करने में असफल रहे: असम कांग्रेस प्रमुख बोरा |

राष्ट्रीय राजनीति के कारण एकजुट विपक्षी उम्मीदवार खड़ा करने में असफल रहे: असम कांग्रेस प्रमुख बोरा

राष्ट्रीय राजनीति के कारण एकजुट विपक्षी उम्मीदवार खड़ा करने में असफल रहे: असम कांग्रेस प्रमुख बोरा

:   Modified Date:  March 31, 2024 / 05:28 PM IST, Published Date : March 31, 2024/5:28 pm IST

(सुष्मिता गोस्वामी)

गुवाहाटी, 31 मार्च (भाषा) कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने दावा किया है कि राज्य में एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ने की विपक्षी पार्टियों की कोशिश ‘‘राष्ट्रीय राजनीति के कारण’’ विफल हो गई।

उन्होंने दावा किया कि राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) का अलग चुनाव लड़ना उसकी ‘‘सबसे बड़ी भूल’’ होगी, जबकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के लिए कोई भी निर्वाचन क्षेत्र देने से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के इनकार ने पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘गठबंधन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।’’

बोरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘‘इंडिया’ गठबंधन के गठन से आठ महीने पहले हमने यूनाइटेड अपोजिशन फोरम, असम (यूओएफए) का गठन किया था। इस फोरम में 16 दल हैं और इनमें से तीन दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। लेकिन यह स्थिति राज्य में मेरे नेतृत्व या राजनीति के कारण नहीं बनी, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के कारण बनी।’’

राज्य की कुल 14 सीटों में से कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि एक सीट यूओएफए सदस्य असम जातीय परिषद (एजेपी) के लिए छोड़ी गई है।

यूओएफए में शामिल आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राज्य में अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

बोरा ने बताया कि आप और कांग्रेस के बीच दिल्ली में सीट बंटवारे का समझौता है, लेकिन पंजाब में सभी सीटों पर दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आप ने असम में तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की, लेकिन सौभाग्य से उन्होंने गुवाहाटी से अपने उम्मीदवार को हटा लिया है। मैंने (आप के प्रदेश अध्यक्ष) भबेश चौधरी से अनुरोध किया था कि उन्हें अकेले चुनाव नहीं लड़ना चाहिए और हम उन्हें (आम आदमी पार्टी) एक सीट देने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने तीन सीट पर जोर दिया।’’

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के प्रमुख ने दावा किया, ‘‘मुझे लगता है कि यह आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ी राजनीतिक भूल होगी क्योंकि नतीजों के बाद यह साबित हो जाएगा कि राज्य में उसका कोई अस्तित्व नहीं है।’’

असम में टीएमसी द्वारा उम्मीदवार उतारने के बारे बोरा ने कहा कि यह ‘‘पश्चिम बंगाल केंद्रित क्षेत्रीय पार्टी’’ है और पड़ोसी राज्य में कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं है।

बोरा ने कहा, ‘‘अगर वे अपने गढ़ में एक भी सीट देने को तैयार नहीं हैं, तो मैं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में, यहां टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ कैसे बैठ सकता हूं और कैसे उन्हें सीटें दे सकता हूं? मामला पश्चिम बंगाल से शुरू हुआ, असम से नहीं।’’

उन्होंने कहा कि जहां तक माकपा का सवाल है, पार्टी केरल में कांग्रेस के खिलाफ लड़ रही है और उसने असम में अपना उम्मीदवार खड़ा किया है।

बोरा ने कहा, ‘‘इन तीनों दलों का राज्य में एक दृष्टिकोण नहीं है, लेकिन ये सभी भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं।’’

असम में लोकसभा की 14 सीट के लिए तीन चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और सात मई को मतदान होगा। निवर्तमान लोकसभा में राज्य से कांग्रेस के तीन सांसद हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ सांसद हैं, जबकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के एक सांसद और एक निर्दलीय सांसद हैं।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

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