पुरी (ओडिशा), 21 मई (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के विश्वस्त वी. के पांडियन ने कहा है कि जनन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की गुम हुईं चाबियों के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास “कुछ जानकारी” है तो उन्हें चाबियां ढूंढनी चाहिए।
रत्न भंडार में देवताओं के आभूषण रखे जाते हैं।
यह लंबे समय से राज्य में एक भावनात्मक मुद्दा है। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में एक साथ होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रैलियों में इसे उठाया है जिससे यह तेजी से राजनीतिक केंद्र में आ गया है।
मोदी ने पांडियन के तमिल मूल का संदर्भ देते हुए हाल में एक चुनावी रैली में कहा था कि चाबियां तमिलनाडु जा सकती हैं ।
पांडियन ने ‘पीटीआई-वीडियो’ के साथ साक्षात्कार में कहा, “ अगर प्रधानमंत्री को इतना जानकारी है तो उन्हें पता लगाना चाहिए कि चाबियां कहां गईं… मैं माननीय प्रधानमंत्री से विनम्र निवेदन करूंगा। उनके अधीन इतने सारे अधिकारी हैं, उन्हें कुछ जानकारी तो होगी ही। वह ओडिशा के लोगों की भी जानकारी बढ़ा सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “ वह राजनीतिक बयान दे रहे हैं इसलिए हम इसे उसी तरह लेंगे।” पांडियन पूर्व नौकरशाह हैं और वर्षों तक पटनायक के विश्वस्त रहे हैं तथा अब बीजद के स्टार प्रचारक हैं।
अंगुल और कटक में सोमवार को चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने रत्न भंडार की गुम हुई चाबियों का मुद्दा उठाया और पूछा कि पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) ने इस मामले पर ‘न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को क्यों दबाया।’
मोदी ने कहा, ‘मामले में बीजद की भूमिका संदिग्ध है। ओडिशा में भाजपा की सरकार बनने के बाद वह रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी।’
शाह ने मंगलवार को नयागढ़ में एक अन्य रैली में कहा कि नवीन पटनायक को पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की गुम हुईं चाबियों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
पलटवार करते हुए पांडियन ने कहा कि रत्न भंडार का आंतरिक कक्ष लगभग चार दशकों से नहीं खोला गया है। इनमें से एक दशक ऐसा था जब भाजपा के मंत्री इस मुद्दे को देख रहे थे।
उन्होंने कहा, “तो शायद उन्हें पता लगाना चाहिए कि चाबियां कहां हैं।”
रत्न भंडार में एक बाहरी कक्ष है जिसमें देवताओं – जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र – के रोजमर्रा के आभूषणों रखे जाते हैं और एक आंतरिक कक्ष है। जब उड़ीसा उच्च न्यायालय ने निरीक्षण का आदेश दिया तो आंतरिक कक्ष की चाबियां 2018 में गायब मिली।
अदालत के आदेश के बाद ओडिशा सरकार ने पिछले साल उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। हालांकि वास्तविक चाबियां गुम हैं और डुप्लिकेट चाबियां हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या रत्न भंडार खोला जाएगा, पांडियन ने कहा, ‘बिल्कुल, तारीख तय हो गई है।’ हालांकि, उन्होंने विस्तार से नहीं बताया।
पांडियन ने कहा, “ माननीय उच्च न्यायालय ने जगन्नाथ मंदिर प्रशासन को रत्न भंडार को प्रशासन द्वारा निर्धारित समय पर खोलने का आदेश दिया… इसलिए उन्होंने रथ यात्रा के समय निर्णय लिया है, जब तीर्थयात्री नहीं होंगे, तो भगवान की पवित्रता प्रभावित नहीं होगी।”
उन्होंने कहा, “हम प्रधानमंत्री से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करेंगे कि वे भी आएं और 40 वर्ष के बाद रत्न भंडार को खोले जाने के गवाह बनें।”
रत्न भंडार का आंतरिक कक्ष जुलाई में रथ यात्रा अवधि के दौरान ही खुल सकता है जब देवताओं को नौ दिनों के लिए मंदिर से बाहर ले जाया जाता है।
प्रबंध समिति ने उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में कहा है कि रथ यात्रा की अवधि के दौरान, आभूषणों की सूची बनाने और आंतरिक कक्ष की मरम्मत के लिए रत्न भंडार खोला जाएगा।
बारहवीं शताब्दी के मंदिर के मामलों को देखने वाली प्रबंध समिति के अध्यक्ष गजपति महाराज विद्यासिंह देव हैं। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) मंदिर के दैनिक कामकाज को देखता है।
भाषा नोमान माधव
माधव
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