Ganesh Chaturthi 2021: This rare yoga made after 59 years

Ganesh Chaturthi 2021: 59 साल बाद बना ये दुर्लभ योग, घर में लगाए शमी का वृक्ष, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और मंत्र

Ganesh Chaturthi 2021 : पंचांग गणना के अनुसार इस बार गणेश चतुर्थी तिथि चित्रा नक्षत्र में मनाई जाएगी।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : September 10, 2021/10:49 am IST

धर्म। देश में आज गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई है। आज से अगले 10 दिनों तक सुख और समृद्धि के देवता भगवान गणेश का विधि विधान से पूजा किया जाएगा। गणेशोत्सव का त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन पर गणेश विसर्जन तक चलता है। पंचांग गणना के अनुसार इस बार गणेश चतुर्थी तिथि चित्रा नक्षत्र में मनाई जाएगी।

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विघ्नहर्ता गणेश के कृपा मात्र से सारी समस्या दूरी हो जाती है। इस मौके पर शमी का पौधा लगाना भी बेहद शुभ माना जाता है। शमी में कई देवी-देवताओं का निवास होता है, लेकिन इसे भगवान शिव और गणेश का प्रिय माना जाता है। इसलिए शिव और गणेश की पूजा अर्चना में शमी की पत्तियों को चढाने का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं में शमी का वृक्ष बड़ा ही मंगलकारी माना गया है। लंका पर विजयी होने के पश्चात श्री राम ने शमी पूजन किया था। गणेश जी और शनिदेव दोनों को ही शमी बहुत प्रिय है। शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि देव और भगवान गणेश दोनों की ही कृपा प्राप्त की जा सकती है।

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आज गणेश चतुर्थी में शमी वृक्ष की जड़ को विधि-विधान पूर्वक घर लेकर आएं। उसे घर में रोपित कर नित्य उसका पूजन करें। ऐसा करने से गणेश जी आएंगे घर, जो रिधि और समृधि लेकर आते हैं जिससे दुर्भाग्य जायेगा घर से पार। इसलिए यदि दुर्भाग्य को दूर भगाना हो तो भी शमी पेड़ लगाना चाहिए, दान देना चाहिए और पूजना चाहिए इससे भाग्य में वृद्धि तो किया ही जा सकता है साथ ही घर के वास्तु दोष को भी दूर कर सकते हैं.. गणेश पूजा के समय शमी वृक्ष की पूजा का विशेष लाभ मिलता है।

गणेश चतुर्थी 2021 शुभ मुहूर्त
गणेश पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त -दोपहर 11 बजकर 02 मिनट से लेकर 01 बजकर 32 मिनट तक
अवधि: 2 घंटे 29 मिनट

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गणेश चतुर्थी व्रत व पूजन विधि
1. व्रती को चाहिए कि प्रातः स्नान करने के बाद सोने, तांबे, मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें।
2. चौकी में लाल आसन के ऊपर गणेश जी को विराजमान करें।
3. गणेश जी को सिंदूर व दूर्वा अर्पित करके 21 लडडुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू गणेश जी को अर्पित करके शेष लड्डू गरीबों या ब्राह्मणों को बांट दें।
4. सांयकाल के समय गणेश जी का पूजन करना चाहिए। गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश चालीसा व आरती पढ़ने के बाद अपनी दृष्टि को नीचे रखते हुए चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
5. इस दिन गणेश जी के सिद्धिविनायक रूप की पूजा व व्रत किया जाता है।
6. ध्यान रहे कि तुलसी के पत्ते (तुलसी पत्र) गणेश पूजा में इस्तेमाल नहीं हों। तुलसी को छोड़कर बाकी सब पत्र-पुष्प गणेश जी को प्रिय हैं।
7. गणेश पूजन में गणेश जी की एक परिक्रमा करने का विधान है। मतान्तर से गणेश जी की तीन परिक्रमा भी की जाती है।