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पिछले एक साल में महंगाई ने ढाया कहर, खाने-पीने समेत इन चीजों में हुई बढ़ोतरी, Inflation रोकने में सरकार भी रही नाकाम

यदि उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ो की ही बात करें तो एक साल पहले चावल का भाव 34.86 रुपये किलो था जो अब 37.38 रुपये हो गया है। गेहूं 25 रुपये से 30.61 रुपये जबकि आटा 29.47 से 35 रुपये किलो हो गया है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : August 10, 2022/9:05 am IST

Increasing inflation: देश में लगातार मंहगाई बढ़ती ही जा रही थी। यदि पिछले एक साल की बात करें तो खाने पीने की चीजों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। मंहगाई रोकने की सरकार ने भी काफी कोशिश की लेकिन सरकार भी इसमें नाकाम साबित हुई। यदि उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ो की ही बात करें तो एक साल पहले चावल का भाव 34.86 रुपये किलो था जो अब 37.38 रुपये हो गया है। गेहूं 25 रुपये से 30.61 रुपये जबकि आटा 29.47 से 35 रुपये किलो हो गया है।

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दालों की कीमत भी बढ़े

यदि चावल के बाद दालों की भी बात की जाए तो इनकी कीमतों में भी जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। जिस अरहर दाल की कीमत एक साल पहले 104 रुपये किलो थी वह अब 108 रुपये किलो बिक रही है। उड़द दाल 104 से 107 रुपये किलो, मसूर दाल 88 से 97 रुपये किलो और दूध 48.97 से बढ़कर 52.41 रुपये लीटर हो गया है। आरबीआई के अनुमान के मुताबिक, अभी भी खुदरा महंगाई की दर 6 फीसदी से ऊपर ही रहेगी। उपभोक्ता मंत्रालय ने तेल की कीमतों को कम करने के लिए कई बार तेल कंपनियों और संगठनों को बुलाया है। कंपनियों का कहना है कि लगातार वह तेल की कीमतें कम कर रही हैं। पर खुले बाजार में अभी भी तेल की कीमतें 150 रुपये लीटर से ऊपर ही हैं।

कीमतों में कमी के लिए सरकार प्रयासरत

केंद्र सरकार लगातार सभी वस्तुओं की कीमतों को कम करने का प्रयास कर रही है। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस साल कीमतें काफी ऊंची हैं। खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) जहां जुलाई, 2021 में 5.59 फीसदी थी, वहीं यह जून, 2022 में 7.01 फीसदी पर थी। जुलाई में इसमें मामूली कमी आने के आसार हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह 6.6 फीसदी के आस-पास रह सकती है। जुलाई का आंकड़ा 12 अगस्त को जारी किया जाएगा।

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