कटक, नौ अगस्त (भाषा) उड़ीसा उच्च न्यायालय ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश दिया कि वह हलफनामा देकर बताएं कि हाथियों के शिकार को कैसे रोका जाएगा, जिसने हाल ही में खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया है।
अदालत ने राज्य में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम (डब्ल्यूपीए) के लचर क्रियान्वयन पर चिंता जताई। इससे पहले वन विभाग ने बताया कि गत पांच साल में हाथियों के शिकार के 14 मामले सामने आए हैं। उसने बताया कि इनमें से अधिकतर मामलों में हाथी मृत मिले या वे गोली लगने से गंभीर रूप से घायल मिले।
अदालत ने सोमवार को टिप्पणी की कि ‘‘यह हैरानी की बात है कि इनमें से किसी भी मामले में हथियार अधिनियम नहीं लगाया गया।’’
मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर के नेतृत्व वाली पीठ ने यह टिप्पणी एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान की जिसमें कहा गया था कि अपराध शाखा के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) को डब्ल्यूपीए को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसपर पहले ही वन्य जीव संबंधी अपराधों के अलावा अन्य अपराधों की जांच का बोझ है।
अदालत ने इसके साथ ही 17 अगस्त को इस मामले की होने वाली सुनवाई से पहले डीजीपी को हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा।
भाषा धीरज अमित
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