हिमाचल प्रदेश अकेला ऐसा राज्य, जहां वन भूमि पर सड़क बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय की मंजूरी जरूरी: मुख्यमंत्री |

हिमाचल प्रदेश अकेला ऐसा राज्य, जहां वन भूमि पर सड़क बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय की मंजूरी जरूरी: मुख्यमंत्री

हिमाचल प्रदेश अकेला ऐसा राज्य, जहां वन भूमि पर सड़क बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय की मंजूरी जरूरी: मुख्यमंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : March 15, 2022/7:26 pm IST

शिमला, 15 मार्च (भाषा) मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश अकेला ऐसा राज्य हैं, जहां वन भूमि पर सड़क बनाने और अन्य विकास कार्यों के लिए उच्चतम न्यायालय की मंजूरी लेने की जरूरत होती है।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से जुड़े प्रस्ताव पर ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सड़क बनने और अन्य विकास कार्यों में इसलिए देरी होती है क्योंकि इसके लिए वन विभाग और उच्चतम न्यायालय की मंजूरी की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले प्रथम चरण और उसके बाद दूसरे चरण की मंजूरी लेने के बाद अंतिम मंजूरी लेने के लिए हिमाचल प्रदेश को शीर्ष अदालत का रुख करना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दौरान अदालतें बंद रहीं और उस दौरान उच्चतम न्यायालय की मंजूरी प्राप्त करने के लिए राज्य की 600 से अधिक विकास परियोजनाएं लंबित रहीं।

ठाकुर ने राज्य में अधिकतर सड़कों के निर्माण पूरे होने का दावा करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के कुल 17,882 गांवों में से कम से कम 10,899 सड़क मार्ग से जुड़े हुए हैं।

भाषा

शफीक अनूप

अनूप

 

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