हिप्र : निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार किए जाने में देरी के खिलाफ किया प्रदर्शन |

हिप्र : निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार किए जाने में देरी के खिलाफ किया प्रदर्शन

हिप्र : निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा स्वीकार किए जाने में देरी के खिलाफ किया प्रदर्शन

:   Modified Date:  March 30, 2024 / 04:58 PM IST, Published Date : March 30, 2024/4:58 pm IST

शिमला, 30 मार्च (भाषा) हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायक उनके इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा स्वीकार करने में हो रही देरी से नाराज होकर शनिवार को यहां विधानसभा में धरने पर बैठ गए।

तीन निर्दलीय विधायक, देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर ने हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट दिया था। तीनों विधायक 22 मार्च को अपना इस्तीफा देने के बाद 23 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे।

विरोध प्रदर्शन के दौरान विधायकों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी, जिन पर लिखा था, ‘‘हमने स्वेच्छा से विधानसभा से त्यागपत्र दिया है, इसे स्वीकार किया जाए’’।

इन विधायकों को विधानसभा की ओर से नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था कि क्या उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है, दबाव में।

विधानसभा के एक कर्मी ने ‘‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें कांग्रेस विधायक दल से प्रतिवेदन मिला है कि इन विधायकों ने स्वेच्छा से नहीं बल्कि दबाव में इस्तीफा दिया है और हमने इस संबंध में उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।’’

विधानसभा अध्यक्ष ने पहले कहा था कि निर्दलीय विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, लेकिन इसका कारण नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि इसे संज्ञान में रखा जाएगा और आवश्यक प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।

इस बीच, विधायकों ने जोर देकर कहा कि उन्होंने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है क्योंकि उन्हें अपमानित किया जा रहा है, लेकिन इस्तीफे स्वीकार करने के बजाय, विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा और उन्हें 10 अप्रैल को उनके सामने पेश होने के लिए कहा है।

होशियार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम निर्दलीय विधायक हैं और किसी पार्टी से जुड़े नहीं हैं और इस्तीफा देने के मामले में स्वतंत्र हैं। यह कहना गलत है कि दबाव में इस्तीफा दिया गया है और यह पूछना बेतुका है कि क्यों हमने इस्तीफा दिया हैं, हमारे इस्तीफे को स्वीकार किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ बार-बार स्मरण कराने और ई-मेल भेजने के बावजूद हमारे इस्तीफे स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं और हमें धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ा है। हमें नहीं पता कि क्यों इस्तीफे स्वीकार नहीं किए जा रहे और नया जनादेश का रास्ता प्रशस्त किया जा रहा।’’

अन्य दो निर्दलीय विधायकों शर्मा और ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर पिछले 14 महीनों में विकास कार्य को ठप करने का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सुक्खू ने हमें अपमानित किया और हमारे निर्वाचन क्षेत्रों के साथ भेदभाव किया। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल में अपने मित्रों को शामिल किया और व्यवसायों पर छापे मारकर और विधायकों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करके राजनीतिक प्रतिशोध लिया।’’

कांग्रेस के छह बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है। भाजपा चाहती है कि सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव हों।

भाजपा की हिमाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल ने निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार न किए जाने को असंवैधानिक और अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि पद से इस्तीफा देना किसी भी व्यक्ति का अधिकार है।

भाषा धीरज माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)