ईडी की मांग पर गिरफ्तार आईएएस पूजा की हिरासत अवधि पांच दिन और बढ़ी |

ईडी की मांग पर गिरफ्तार आईएएस पूजा की हिरासत अवधि पांच दिन और बढ़ी

ईडी की मांग पर गिरफ्तार आईएएस पूजा की हिरासत अवधि पांच दिन और बढ़ी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : May 20, 2022/10:15 pm IST

रांची, 20 मई (भाषा) झारखंड की पूर्व खान सचिव और निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड (हिरासत) अवधि पांच दिनों के लिए और बढ़ा दी गयी है। ईडी की टीम उनसे पांच दिनों तक और पूछताछ करेगी, जबकि हिरासत अवधि पूरा होने पर पूजा सिंघल के चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) सुमन कुमार सिंह को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया।

आईएएस पूजा सिंघल और सीए सुमन कुमार की हिरासत अवधि पूरा होने के बाद शुक्रवार को दोनों को प्रवर्तन निदेशालय ने ईडी की विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने ईडी की मांग पर पूजा सिंघल की रिमांड अवधि पांच दिनों के लिए और बढ़ा दी, जबकि सीए सुमन कुमार को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया।

प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत में आज की सुनवाई के दौरान पूजा सिंघल की पांच दिनों की रिमांड बढ़ाने की मांग का बचाव पक्ष ने विरोध किया। अदालत में हुई बहस में ईडी के अधिवक्ता बीएमपी सिंह ने कहा कि अभी इस मामले में जांच चल ही रही है और बहुत से बड़े खुलासे हुए हैं।

इस मामले में अब तक 19 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं। कई बड़े नाम सामने आए हैं। पल्स अस्पताल को लेकर पूजा सिंघल जवाब नहीं दे रहीं हैं, वो पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहीं हैं। उनसे अभी कई राज मालूम करने हैं।

वहीं करोड़ो रुपये कहां से आए, यह भी अभी तक साफ नहीं हुआ है। ईडी के अधिवक्ता के अनुसार राज्य के कई जिला खनन अधिकारियों से भी पूछताछ अभी बाकी है।

उन्होंने अदालत को बताया कि एक डीएमओ बार-बार किसी न किसी बात का बहाना बनाकर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे जांच प्रभावित हो रही है। दूसरी तरफ पूजा सिंघल के वकील और उच्च न्यायालय के अधिवक्ता विश्वजीत मुखर्जी ने कहा कि उनके मामले में मीडिया ट्रायल चल रहा है।

आधिकारिक तौर पर कोई बयान न आकर लगातार इस मामले में कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूजा सिंघल बीमार हैं। मानसिक रूप से परेशान हैं। इसलिए उन्हें रिमांड पर न भेजा जाये।

इसपर ईडी की ओर से अपील की गई कि पूरा देश इस मामले को देख रहा है, नरमी न बरती जाए नहीं तो मामले की जांच बीच में अटक जायेगी।

वहीं दूसरी तरफ सिंघल के चार्टर्ड एकाउंटेंटरूसीएः सुमन कुमार की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद अदालत के आदेश पर उसकी कोविड जांच करा कर उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार रांची भेज दिया गया।

इससे पूर्व 11 मई को झारखंड की खान सचिव, वर्ष 2000 की भारतीय प्राशासनिक सेवा की अधिकारी पूजा सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय ने करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में तीन दिनों की लंबी पूछताछ के बाद देर शाम गिरफ्तार कर विशेष अदालत में पेश किया था, जिसने उन्हें चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था।

लेकिन ईडी ने बृहस्पतिवार को पांच दिनों की रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ प्रारंभ की थी।

सिंघल पर जिस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है वह खूंटी जिले में उनके उपायुक्त के रूप में कार्यकाल के दौरान मनरेगा में किये गये कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है।

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि सिंघल एवं उसके दूसरे पति अभिषेक झा अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन सिंह के यहां से बरामद 17 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में अपनी खनन सचिव वरिष्ठ प्राशासनिक अधिकारी पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में केन्द्र सरकार पर हमलावर अंदाज में दो टूक कहा था, ‘चोर मचाये शोर।’

मुख्यमंत्री और राज्य का खान मंत्री रहते अपने नाम स्वयं रांची में खनन पट्टा आवंटित करवाने के चलते ‘लाभ के पद’ मामले में चुनाव आयोग की नोटिस का सामना कर रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़े तल्ख स्वर में कहा, ‘‘राज्य की पिछली सरकारों के समय के भ्रष्टाचार के मामलों में ऐसा शोर मचाया जा रहा है जैसे यह उनके कार्यकाल से जुड़ा हो। वास्तव में इसे कहा जाता है, ‘चोर मचाये शोर।’’

इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को झारखंड उच्च न्यायालय को बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके नाम खनन पट्टा आवंटित करने में खान सचिव पूजा सिंघल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

शपथपत्र में ईडी ने उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि अदालत में ईडी की ओर से जो प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और दस्तावेज सौंपे गए हैं वह झारखंड पुलिस और झारखंड सरकार के नियंत्रण वाले किसी प्राधिकार को नहीं सौंपे जायें।

ईडी के सहायक निदेशक विनोद कुमार की ओर से उक्त शपथपत्र अदालत में दाखिल किया गया है। इसमें कहा है कि खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले के कुछ मामलों की जांच की गई है। यह मामला पूजा सिंघल के खूंटी के उपायुक्त रहने के समय का है।

भाषा, इन्दु संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)